राठौड़ ने कहा कि आईबी की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान, पंजाब और महाराष्ट्र तीन राज्यों में संघ के नेता व उनके कार्यालय आतंकियों के निशाने पर हैं। एक राज्य में कांग्रेस की और दूसरे राज्य में कांग्रेस समर्थित सरकार है। दोनों राज्यों ने संघ के नेताओं व कार्यालयों पर विशेष सुरक्षा दस्ता तैनात किया है।
जयपुर में जहां भारती भवन का दफ्तर है, वहां एक घंटे में 1820 वाहन निकलते हैं। राज्य सरकार ने वहां कोई जाब्ता नहीं लगाया है। यहां भी इसे गंभीरता से देखा जाना चाहिए और सुरक्षा दी जानी चाहिए। उन्होंने संसंदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल को सम्बोधित करते हुए कहा कि आपकी धारणा कुछ भी हो सकती है लेकिन संघ उस समय बना था जब वे दोनों इस दुनिया में नहीं थे।
वर्ष 1925 में यह संगठन बना और वर्धा में तो महात्मा गांधी भी संघ की सभा में गए थे। हालांकि कुछ देर बाद ही उन्होंने कहा कि वे जानते हैं कि मंत्री मामले पर संज्ञान नहीं लेंगे। न ही सुरक्षा का कोई इंतजाम करेंगे। पर्ची के माध्यम से मुद्दा इसलिए उठाया है ताकि यह बात रेकॉर्ड में दर्ज हो जाए। अगर भविष्य में कोई बात हो तो उसके लिए सरकार की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी।