उन्होंने कहा कि उसे उनके कार्यकाल में जिंदा पकड़ा गया और सालों वह पुलिस की कस्टडी में रहा। विधानसभा के कई सदस्य उसके संपर्क में थे और लाभ उठा रहे थे। आनंदपाल की विधवा और उसकी मां को चुनाव के पहले घुमाया और उसका फायदा उठाया गया। आनंदपाल के किससे संपर्क थे यह खुलासा हो, इसके लिए उसके कॉल डिटेल्स को सार्वजनिक करना जरूरी है।
इन पर उठाए गंभीर सवाल चिकित्सा को उद्योग बनाया: चिकित्सा को सेवा से चिकित्सा उद्योग बना दिया, आशीष की कृपा से जो कुछ हुआ कांग्रेस की विधानसभा चुनाव में जीत में उसकी भी बड़ी मेहरबानी रही। डॉक्टरों के तबादले आर्थिक व सामाजिक कारणों से नहीं हों।
पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाएं तुरंत बंद हों: इंदिरा गांधी ने प्रीवीपर्स बंद करने का स्वागत योग्य कदम उठाया, लेकिन प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाएं दे रखी हैं। इससे प्रदेश के गरीब और बेरोजगार का क्या भला होगा? पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी सुविधाएं तत्काल बंद की जाएं।
नहीं मिले राजस्थानी को मान्यता: आखिर कौनसी भाषा राजस्थानी है? गंगानगर की, बांसवाड़ी की, जैसलमेर की या धौलपुर में बोली जाने वाली। राजस्थानी भाषा के नाम पर प्रदेश को लड़ाने का प्रयास हो रहा है। इसे मान्यता मिलने से किसका भला होगा।
ललित मोदी के लिए खेल नीति: पहले बिना खेल नीति के प्रदेश के कई बड़े खिलाड़ी आगे आए। आजकल तो खेल नीति ललित मोदी के लिए बन रही है। बड़े नेता और व्यापारी खेल संघों के अध्यक्ष बने हुए हैं। इनसे मुक्त करें, तो यह बड़ी सेवा होगी।
अभी तो भाजपा की स्याही ही नहीं सूखी
मीना जैसे ही बोलने के लिए खड़े हुए, भाजपा के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने चुटकी ली कि इतने दिन में मन बदल गया कल तक तो आप भाजपा के गुणगान करते थे। इस पर मीना ने कहा, आपका काफी लम्बा चिट्ठा है। इसके बाद राठौड़ बोले, अभी तो आपके लोकसभा में भाजपा सदस्य के रूप में हस्ताक्षर की स्याही ही नहीं सूखी है।
मीना जैसे ही बोलने के लिए खड़े हुए, भाजपा के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने चुटकी ली कि इतने दिन में मन बदल गया कल तक तो आप भाजपा के गुणगान करते थे। इस पर मीना ने कहा, आपका काफी लम्बा चिट्ठा है। इसके बाद राठौड़ बोले, अभी तो आपके लोकसभा में भाजपा सदस्य के रूप में हस्ताक्षर की स्याही ही नहीं सूखी है।