शून्यकाल के दौरान जोशी ने स्थगन और 295 के तहत रखे जाने वाले मामले पढ़कर बताए। इसमें वासुदेव देवनानी के प्रस्ताव को शामिल नहीं किया तो वो खड़े होकर इसका विरोध करने लगे। इस पर स्पीकर उखड़ गए और कहा कि आसन पैरों पर है तो आप इस तरह नहीं बोल सकते। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का नाम लेते हुए कहा कि आप इन्हें बैठाइए। इसी बीच राजेंद्र राठौड़ बोलने लगे तो स्पीकर ने साफ किया आप इतने सीनियर होकर इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं। मैं बोलने नहीं दूंगा। देवनानी और अन्य विधायक चुप नही हुए तो स्पीकर ने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल को कहा कि देवनानी को बाहर निकालने का प्रस्ताव रखें। स्पीकर ने साफ कहा कि आप सभी भाजपा बाहर जाइए, कोई फर्क नहीं पड़ता।
आपके सदस्य आपके कंट्रोल में नहीं हैं—स्पीकर मामले को लेकर गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि सदस्य का मामला गंभीर था, मगर आपने शामिल नहीं किया। इस पर स्पीकर ने कहा आपके सदस्य आपके कंट्रोल में नहीं हैं। आपकों पूरा सम्मान देता हूं, प्रतिपक्ष को पूरा सम्मान देता हूं। मगर इस तरह से सीनियर विधायक बोलेंगे तो अच्छा नहीं है। देवनानी इतने सीनियर सदस्य हैं, कोई नया होता तो कोई बात नहीं थी। मैं खड़ा हूं फिर भी आप बोल रहे हैं। सदन की परम्पराओं का पालन करना पड़ेगा
धारीवाल ने रखा बाहर निकालने का प्रस्ताव संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने देवनानी को सदन से बाहर निकलने के लिए प्रस्ताव रखा और कहा कि देवनानी ने सदन की परम्परा का पालन नहीं किया, इसलिए मैं इन्हें सदन की कार्यवाही से बाहर करने का प्रस्ताव रखता हूं। मैं यह भी प्रस्ताव करता हूं कि कल भी इन्हें माफी मांगने के बाद ही प्रवेश दिया जाए।
खेद प्रकट नहीं किया, देवनानी को किया बाहर प्रस्ताव रखने पर कटारिया ने कहा कि इतना बड़ा मामला नहीं है, पूरे दिन सदन की कार्यवाही से बाहर किया जाए। मैंने मान लिया कि आप खड़े थे इसलिए बोलना नहीं चाहिए था। मगर इस तरह का निर्णय लेंगे तो गलत होगा। इस पर स्पीकर ने कहा कि कटारियाजी आपने कोई खेद प्रकट नहीं किया। आपने एक शब्द भी नहीं कहा कि उनका व्यवहार ठीक नहीं है। उलटे आपने कहा कि आप ऐसा करेंगे तो सभी करेंगे। मैं आपसे आशा कर रहा था कि आप यह कहेंगे कि खेदपूर्ण व्यवहार है। स्पीकर ने देवनानी को सदन से बाहर भेजने के प्रस्ताव को पास कराया। इस पर सभी भाजपा विधायकों ने सदन से वॉक आउट कर दिया।