विधानसभा में भी कोई नहीं सुनता विधायक रामप्रताप कासणिया ने कहा कि सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना के इंजीनियर कोई काम नहीं कर रहे हैं, जिसकी वजह से आईजीएनपी के आसपास किसानों को पानी नहीं मिल पा रहा है। सरकार ने जल्दी से जल्दी से प्रयास करे नहीं तो किसान बर्बाद हो जाएंगे। कासणिया ने आरोप लगाया कि विधानसभा में कोई भी बात उठाओ कोई नहीं सुनता। अगर इस दिशा में काम नहीं किया तो परिणाम भुगतने को तैयार रहें
लागत बढ़ती जा रही है, किसानों को पैसा दिलाए सरकार विधायक मदन दिलावर ने कोटा के एक बांध का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि इस बांध के लिए 51 करोड़ 81 लाख रुपए की प्राथमिक स्वीकृति हुई थी, जो 2016 में लागत बढ़कर 233 करोड़ बढ़ गई। काम केवल इसलिए अटका पड़ा है कि किसानों को 21 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाना है जो अभी तक कैबिनेट से स्वीकृत नहीं हुआ है, इसलिए सरकार जल्द से जल्द यह पैसा किसानों को दिलाए।
ऊंट को राज्य पशु से हटाया जाए विधायक किसनाराम विश्नोई ने ऊंट को राज्य पशु से हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य पशु घोषित करने से इनका पालन-पोषण ढंग से नहीं हो पा रहा है। अगर ऊंट घायल हो जाता है तो ऊंट पालक उसे अपना बताने से इनकार कर देता है। कार्रवाई के डर से ऊंट पालक इन्हें पालने से कतरा रहे हैं। इसलिए सरकार इसे राज्य पशु से हटाया जाए, ताकि इनका सही प्रकार से पालन हो सके।
ऐलीवेटेड रोड के काम को रफ्तार दे सरकर वासुदेव देवनानी ने अजमेर में एलीवेटेड रोड के धीमी गति से निर्माण का मामा उठाया। उन्होंने कहा कि पौने तीन साल में भी यह सड़क बनकर तैयार नहीं हो पाई। इसके निर्माण पूरे होने की समयावधि जून, 2021 है, लेकिन इसके काम की रफ्तार से लग रहा है कि अगले एक साल तक भी इसका काम पूरा नहीं होगा।