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राम तेरी गंगा मैली हो गई, इन भ्रष्टाचारियों के पाप धोते-धोते-राठौड़

locationजयपुरPublished: Mar 08, 2021 02:55:31 pm

Submitted by:

Umesh Sharma

—भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और कारागार की अनुदान मांगो पर चर्चा—राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी के लेख का किया उल्लेख

राम तेरी गंगा मैली हो गई, इन भ्रष्टाचारियों के पाप धोते-धोते-राठौड़

राम तेरी गंगा मैली हो गई, इन भ्रष्टाचारियों के पाप धोते-धोते-राठौड़

जयपुर।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और कारागार की अनुदान मांगो पर चर्चा के दौरान उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने राजपत्रित अधिकारियों के अभियोजन स्वीकृति मामलों में पेंडेंसी को लेकर सरकार पर हमला बोला और कहा कि राम तेरी गंगा मैली हो गई, इन भ्रष्टाचारियों के पाप धोते—धोते। उन्होंने राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी के लेख का भी उल्लेख किया और सरकार से मांग की कि अभियोजन स्वीकृति की समय सीमा निर्धारण के लिए एक राज्य स्तरयी कमेटी का गठन किया जाए।
राठौड़ ने कहा कि मैं सदन का ध्यान नवंबर में जारी ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट पर आकृष्ट करना चाहता हूं। भ्रष्टाचार नापने के लिए बनी इस संस्था ने करप्शन परसेप्शन इंडेक्स इन राजस्थान की रिपोर्ट में बताया कि कि राजस्थान के 78 प्रतिशत लोगों ने पिछले एक साल में अपने काम के लिए रिश्वत दी। इसमें 58 प्रतिशत को एक से ज्यादा बार रिश्वत देनी पड़ी। वहीं सबसे ज्यादा कप्शन पंजीयन विभाग और उसके बाद पुलिस में है। सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज ने भी उल्लेख किया है सरकारी लोक सेवकों से जो काम होते है उसमें 75 प्रतिशत को रिश्वत देनी पड़ती है। राठौड़ ने कहा कि सितंबर में सीएम ने एसीबी की समीक्षा की थी। —उन्होंने दो बातें की, एक तो सरकारी अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति में विलंब नहीं होना चाहिए और दूसरी सभी राजपत्रित अधिकारी अपनी संपत्ति का ब्यौरा आॅनलाइन देंगे। भ्रष्टाचार की शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया। मुझे भी लगा कि एसीबी अब दंतहीन और नखहीन नहीं होगी नौकरशाह को संपत्ति का ब्यौरा देना ही पड़ेगा।
गुलाब कोठारी के लेख का उल्लेख

राठौड़ ने कहा कि सीएम की समीक्षा के बाद राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक ने गुलाब कोठारी ने मिलीभगत की पुष्टि शीर्षक से एक लेख लिखा। उन्होंने लिखा कि पहली बार राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि अफसरों में भ्रष्टाचार बढ़ रहा है, स्थिति नियंत्रण के बाहर है, अशोकजी को मुक्तकंठ से बधाई। लेख में उन्होंने लिखा कि आपने अपराध शाखा को चेतावनी दी, एसीबी के भय के बिना अपराध रोकना संभव नहीं। लेकिन राजस्थान के 19 अफसरों के खिलाफ न्यायालय मे मुकदमें पहुंचे और सरकार ने इन्हें वापस ले लिया। लेख में यह भी उल्लेख था कि बजरी माफिया ने कितने लोगो की जान ले ली। भूमिाफिया, मानव तस्करी माफिया, सूदखोर, मानव माफिया दलालों की मंडी के हालात चारों तरफ दिखाई दे रहे हैं। उर्जा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पीडब्ल्यू में खरीद में आटे में नमक के बराबर गड़बड़ी है। राठौड़ ने कहा कि आलोचना को समालोचना की दृष्टि से सरकार को देखना चाहिए।
अभियोजन स्वीकृति के 37 मामले लंबित

राठौड़ ने एसीबी की कार्यवाही की प्रशंसा की मगर कहा कि राजपत्रित अधिकारियों के खिलाफ समय पर अभियोजन स्वीकृति नहीं मिल रही है। राजपत्रित अधिकारियों पर 37 मामले पेंडिंग हैं। इनमें 19 मामले ऐसे हैं जो 5 से 10 वर्ष से लंबित हैं, जबकि 17 मामले रेड हैंडेड के होने के बाद भी इनमें 11 अधिकारी फील्ड में काम कर रहे हैं। उन्होंने अजमेर यूआईटी, खनिज घोटाला, आईएएस निर्मला मीणा सहित कई मामलों का उल्लेख करते कहा कि आखिर सरकार इन्हें कब तक बचाने का काम करेगी। राठौड़ ने कहा कि राज्यस्तर पर एक कमेटी बननी चाहिए, जो अभियोजन स्वीकृति की समयसीमा तय करे।
ये भी उठाए सवाल

राठौड़ ने एसीबी में परिवाद के मामले भी उठाए और कहा कि 2018 में 452 अभियोजन स्वीकृति लंबित थी, जिसमें 266 का डिस्पोजल किया इसी तरह 2019 में 436 में 236 और 2020 में 466 में 222 का डिस्पोजल किया। उन्होंने परिवाद दर्ज कराने वाले लोगों की समस्या को भी उठाया और कहा कि शिकायतकर्ता के परिवाद के साथ—साथ उसके काम को पूरा कराना चाहिए। एक ऐसी एजेंसी का गठन किया जाना चाहिए, जो शिकायतकर्ता के काम और परिवाद का निस्तारण करे।
एक सूटकेस लेकर आते है और जाते है तब होती है अथाह संपत्ति

राठौड़ ने आईएएस अधिकारियों पर हमला बोला और कहा कि दूसरे प्रदेशों से यहां अधिकारी आते है तब सूटकेस होता है और जाते हैं तो ड्राइवर के नाम, नौकर के नाम अथाह संपत्ति होती है। इन बड़ी मछलियां को पकड़ने के लिए एसीबी में बड़ी विंग बनानी चाहिए जो इनके रिश्तेदारों और संपत्ति की निगराी रखे।
आपको राहुल गांधी को धन्यवाद देना चाहिए

राठौड़ ने राज्य सरकार के कुछ कामों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जेलों में पहले पंरपरा थी कि सवर्ण जाति का कैदी खाना बनाएगा, निम्न जाति का कैदी सफई का काम करेगा। इस विसंगति को सरकार ने दूर करने का काम किया मैं इसकी प्रशंसा करता हूं। इस पर संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि इस काम के लिए राहुल गांधी ने सीएम को पत्र लिखा था। उस पर यह निर्णय हुआ है, इसलिए आपको राहुल गांधी की प्रशंसा करनी चाहिए।
अपराधियों की ऐशगाह बनी जेल

राठौड़ ने जेल में मोबाइल सहित प्रतिबंधित चीजों के मिलने का मामला भी उठाया और कहा कि जेलें अपराधियों की ऐशागाह बनती जा रही है। जेल से अपराधी अपनी गैंग का संचालन कर रहे हैं। उन्होंने राजस्थान पत्रिका में फ्रंट पेज पर छपी खबरों का उल्लेख करते हुए कहा कि लॉरेंस विश्नोई वीडिया कॉलिंग के जरिए बात कर रहा है। जेल से एक अपराधी फेसबुक संचालन कर रहा है। उन्होंने सजायाफ्ता और अंडर ट्रायल कैदियों को अलग—अलग रखने के साथ—साथ जेलों को आबादी क्षेत्र से बाहर करने की मांग की। साथ ही जेलों में भी जैमर भी लगने चाहिए।
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