कटारिया ने तंज कसते हुए कहा कि अगर राज्य सरकार बार—बार यह कहेगी के हमें कुछ नहीं मिला तो हम भी मदद ना करने को लेकर राज्य सरकार को उलाहना देते रहेंगे। केंद्र सरकार ने कोरोना से मुकाबले के लिए राज्य को 1881 करोड़ रुपए दिए हैं, लेकिन आज तक इसका जिक्र नहीं किया गया। मैंने मेरे जीवन में पहली बार देखा है, जब इस तरह के संकट काल में केंद्र की सरकार ने आगे बढ़कर 20 लाख करोड़ का पैकेज देश के राज्यों के लिए घोषित किया। कटारिया ने निजी अस्पतालों में होने वाली कोरोना जांच पर भी सवाल उठाए और कहा कि भले ही सरकार ने यहां पर जांच की दरें तय कर दी हो, लेकिन यहां जांच कराने वाले की जांच रिपोर्ट कभी पॉजिटिव तो कभी नेगेटिव आती है।
सेनिटाइजेशन में लापरवाही क्यों ? कटारिया ने सेनिटाइजेशन को लेकर कहा कि जब प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव की संख्या सैंकड़ों में थी तब हर जगह सैनिटाइजेशन हुआ करता था और उसकी मशीनें भी दिखी थी, लेकिन ना मशीनें दिखती हैं और ना ही सेनिटाइजेशन का काम हो रहा है। आखिर ये लापरवाही क्यों बरती जा रही है। कटारिया ने कहा कि इस महामारी से लड़ने के लिए हमें लोगों की मानसिकता को बदलना होगा। कटारिया ने कोरोना की रिपोर्ट जल्द से जल्द आए इस दिशा में काम करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का फॉलोअप नहीं कटारिया ने क्वॉरेंटाइन सेंटर के हालात सुधारने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का फॉलोअप करने की बात कही। उन्होंने कहा कि यदि मरीज के साथ एक अटेंडेंट हो जो उससे संपर्क कर सके तो कम से कम इन सेंटर में आने वाले मरीज मानसिक रूप से अवसाद में नहीं आएंगे।