स्थगन प्रस्ताव के जरिए मामला उठाते हुए राठौड़ ने कहा कि महिला दिवस के दिन इस तरह की खबरें आना प्रदेश के लिए शर्मनाक है। अलवर जिला सुर्खियों में रहता है। हद तब हो गई कि खेरली थाना में एक अबला पति के खिलाफ मामला दर्ज कराने जाती है और जिसे जांच अधिकारी नियुक्त किया, वही महिला से दुष्कर्म करता है। इसके बाद महिला सात मार्च को एफआईआर दर्ज कराने जाती है तो शाम तक उसे बैठाया जाता है। इसके बाद तस्दीक की जाती है इसके बाद मामला दर्ज होता है। राठौड़ ने कहा कि 3 मार्च को ही अलवर के ही अरावली विहार थाने के एएसआई पर भी एक महिला ने देह शोषण का आरोप लगाया है। यह पहली घटना नहीं है, महिलाओं पर अपराध के मामले में राजस्थान बहुत आगे पहुंच गया है। मगर मुझे पता है कि गृहमंत्री जवाब नहीं देंगे। मगर इस तरह की घटनाओं पर सरकार को अंकुश लगाना चाहिए।