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बरसात के पानी को नहीं बचाया तो आने वाले समय में पानी भी तिजोरी में रखना पड़ेगा-रामलाल

locationजयपुरPublished: Mar 05, 2021 01:31:50 pm

Submitted by:

Umesh Sharma

पेयजल अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान शुक्रवार को चौमूं विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि आने वाल समय में बरसात के पानी को नहीं बचाया तो लड़ाई—झगड़े होंगे और पानी को भी तिजोरी में रखना पड़ेगा।

बरसात के पानी को नहीं बचाया तो आने वाले समय में पानी भी तिजोरी में रखना पड़ेगा-रामलाल

बरसात के पानी को नहीं बचाया तो आने वाले समय में पानी भी तिजोरी में रखना पड़ेगा-रामलाल

रामगढ़ बांध को बचाने के लिए राजस्थान पत्रिका के प्रयासों की सराहना

जयपुर।

पेयजल अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान शुक्रवार को चौमूं विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि आने वाल समय में बरसात के पानी को नहीं बचाया तो लड़ाई-झगड़े होंगे और पानी को भी तिजोरी में रखना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि पानी प्रकृति का प्रसाद है। हम 40-50 साल पीछे जाएं तो प्राकृतिक स्रोतों से ही पानी मिलता था। मगर आज ये स्रोत सूख चुके हैं। अब सरकार ने ट्यूबवेल खोदने की आजादी दे दी। सरकार को इस आदेश पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब रामगढ़ का पानी मिला तो जयपुर के लोगों ने सोचा कि 100 साल तक हमें पानी की कोई कमी नहीं रहेगी। कभी वहां नौकायन प्रतियोगिता हुई, लोग पिकनिक भी जाते थे। मगर अब रामगढ़ का बांध सूख गया है। समय—समय पर अखबार और संस्थाओं ने जगाने का काम किया।शर्मा ने राजस्थान पत्रिका को धन्यवाद दिया और कहा कि पत्रिका ने पूरी मुहिम चलाई। इसके बाद सर्वे भी हुआ और अतिक्रमी भी चिन्हित हुए। मगर आज तक इन्हें नहीं हटाया गया। उन पहाड़ियों को ही खत्म कर दिया गया, जहां से रामगढ़ में पानी आता था, इसलिए हमें बरसात के पानी को सहेजना होगा।शर्मा ने जलदाय विभाग में भर्ती के साथ—साथ संविदा कर्मचारियों को समय पर वेतन और स्टोर में मोटर उपलब्ध कराने की मांग की।
कृषिमंत्री का मॉडल प्रदेश में लागू हो

शर्मा ने कहा कि कृषिमंत्री लालचंद कटारिया के मॉडल को प्रदेश में लागू करना चाहिए। उन्होंने अपने घर में पानी को सहेजने का काम कर रखा है। इस पानी को वो सालभर काम में लेते हैं। ऐसा ही मॉडल प्रदेश में लागू होना चाहिए। इसके लिए राजस्थान सरकार को भी केंद्र की तरह योजना बनानी चाहिए। जिस तरह केंद्र ने शौचालय बनाने के लिए पैसा दिया, उसी तरह सरकार दो लाख रुपए की राशि दे ताकि पौंड बनाया जा सके। इसमें बरसाती पानी को सहेजने का काम किया जाए। आज गांवों में भी 95 प्रतिशत पक्के मकान बन चुके हैं, अगर वे इस पानी को भी बचा लें तो उनका घर का काम चल जाएगा।
रिप्लाई में जवाब दें मंत्री

शर्मा ने मंत्री को कहा कि वे रिप्लाई में इस बात का उल्लेख करें कि पंचायती राज की पेयजल योजनाओं का बिल जमा नहीं होने पर उनका बिजली विभाग की ओर से कनेक्शन नहीं काटा जाए। साथ ही नगरपालिकाओं से पानी का काम वापस जलदाय को दिया जाए।

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