हालांकि मामला प्रकाश में आने के बाद पहले तो पार्टी ने अपना बचाव किया और इसे विरोधी दलों की बदनाम करने की साजिश करार दिया। लेकिन जब स्थितियां बेकाबू होती नज़र आईं तो इस भूल के लिए सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने तक की नौबत आ गई।
ये है मामला
वल्लभनगर उपचुनाव क्षेत्र में पिछले दिनों युवा सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इसमें भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया, चित्तोड़गढ़ सांसद सीपी जोशी, भाजपा युमा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु शर्मा सहित पार्टी की स्थानीय इकाई के तमाम वरिष्ठ नेता और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए थे। सम्मेलन के दौरान ही आयोजकों की ओर से वल्लभनगर पहुंचे वरिष्ठ नेताओं का आतिथ्य सत्कार करते हुए वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा का स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। लेकिन इन स्मृति चिन्हों को उचित जगह नहीं रखते हुए मंच पर ही नीचे रख दिया गया।
फोटो-वीडियो वायरल, विरोधियों ने खोला मोर्चा
भाजपा युवा सम्मेलन में महाराणा प्रताप की प्रतिमा के मंच पर नीचे रखे होने की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुए। ना सिर्फ विरोधी दल कांग्रेस बल्कि विभिन्न सामाजिक संगठनों और यहाँ तक की पार्टी के नेताओं तक ने इस कृत्य का जमकर विरोध किया। नेताओं की मौजूदगी में प्रताप की प्रतिमा के साथ हुए इस कृत्य को वीर शिरोमणि का अपमान करार दिया गया।
आखिरकार सार्वजनिक रूप से मांगी माफ़ी
वल्लभनगर में हुए इस वाकये के बाद आखिरकार प्रदेश भाजपा ने सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगी है और घटना पर खेद प्रकट किया है। पार्टी ने इसे सम्मेलन आयोजकों की त्रुटी करार दिया है। भाजपा की ओर से जारी बयान में कहा गया कि महाराणा प्रताप का शौर्य और वीरता ना सिर्फ राजस्थान के लिए अपितु सम्पूर्ण विश्व के लिए प्रतीक है।
माफीनामे में लिखा है, ‘हाल ही में वल्लभनगर में हुए भारतीय जनता युवा मोर्चा के युवा सम्मेलन में जिला संगठन की आयोजक टोली ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां को महाराणा प्रताप के प्रति पूर्ण आस्था, सम्मान और गर्व की अनुभूति करते हुए भेंट की थी। परंतु आयोजकों की मानवीय त्रुटि के कारण यह प्रतिमा मंच पर रख दी गई। हम पूर्ण जिम्मेदारी से इस मानवीय चूक के लिए खेद प्रकट करते हैं।‘
प्रदेश भाजपा संगठन की ओर से माफीनामा आने के अलावा चित्तोड़गढ़ सांसद सीपी जोशी तक ने अलग से वीडियो जारी कर सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगी। उन्होंने भी इस कृत्य को त्रुटी और भूल करार दिया और स्वयं ज़िम्मेदारी लेते हुए घटना पर खेद प्रकट किया और माफ़ी मांगी।
वल्लभनगर का वाकया सामने आने के बाद श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने भी तीखे तेवर दिखाए। करणी सेना अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी ने महाराणा प्रताप को अपमानित करने की घटना पर फ़ौरन माफ़ी मांगने और भाजपा अप्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को पद से बर्खास्त करने की मांग कर डाली। इस सिलसिले में करणी सेना की ओर से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को चिट्ठी भी भेजी गई है।