कांग्रेस समेत विभिन्न राजनीतिक दल जहां कृषि कानूनों का पुरजोर विरोध कर रहे हैं, तो वहीं भाजपा ने कानूनों को कृषि और किसानों के हित में बताते हुए इसके प्रचार को रफ़्तार दे दी है।
कृषि कानूनों के विरोध में जयपुर से लेकर दिल्ली तक की सियासत गरमाई हुई है। इस बीच प्रदेश भाजपा नेताओं के विरोधियों के खिलाफ आरोप लगाने और बयानबाजी का सिलसिला भी परवान पर है। प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और मुख्य प्रवक्ता रामलाल शर्मा जैसे वरिष्ठ नेताओं की ‘तिगडी’ तो हर दिन इस मुद्दे पर बयान जारी कर कृषि कानून का विरोध कर रहे दलों पर निशाना साध रहे हैं।
प्रदेश भाजपा कृषि कानून के फायदे गिनाने के साथ ही इसका विरोध कर रहे ‘विरोधियों’ का भी पुरजोर विरोध कर रहे हैं। इसके लिए खासतौर से पार्टी के मीडिया पैनल और आईटी सेल को सक्रीय किया गया है। आईटी सेल ने सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से एक बार फिर से कृषि कानूनों को लेकर जागरूक करने के अभियान को जोर दिया है।