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जयपुर

उम्र का बंधन और नेताओं की खींचतान बनी युवा मोर्चा जिलाध्यक्षों की घोषणा में रोड़ा

भाजपा के हरावल दस्ते युवा मोर्चा में जिलाध्यक्षों की घोषणा नहीं हो सकी है। इसके लिए 35 वर्ष की उम्र के बंधन को वजह माना जा रहा है। जबकि पार्टी के समक्ष जिलाध्यक्षों के लिए जो नाम सामने आए, उनकी उम्र 35 के पार है। ऐसे में पार्टी एक बार फिर नए सिरे से नाम तय करने में जुटी है। पार्टी के सात में से 6 मोर्चे अपनी जिला स्तरीय टीम का विस्तार कर चुके हैं।

जयपुरJun 14, 2021 / 04:58 pm

Umesh Sharma

उम्र का बंधन और नेताओं की खींचतान बनी युवा मोर्चा जिलाध्यक्षों की घोषणा में रोड़ा

उम्र का बंधन और नेताओं की खींचतान बनी युवा मोर्चा जिलाध्यक्षों की घोषणा में रोड़ा

उम्र के बंधन में अटकी युवा मोर्चा जिलाध्यक्षों की घोषणा

जयपुर।

भाजपा के हरावल दस्ते युवा मोर्चा में जिलाध्यक्षों की घोषणा नहीं हो सकी है। इसके लिए 35 वर्ष की उम्र के बंधन को वजह माना जा रहा है। जबकि पार्टी के समक्ष जिलाध्यक्षों के लिए जो नाम सामने आए, उनकी उम्र 35 के पार है। ऐसे में पार्टी एक बार फिर नए सिरे से नाम तय करने में जुटी है। पार्टी के सात में से 6 मोर्चे अपनी जिला स्तरीय टीम का विस्तार कर चुके हैं।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने भी इस बात को माना है कि बीजेपी युवा मोर्चा जिला अध्यक्षों के नाम में देरी का एक बड़ा कारण उम्र का मापदंड है। पूनियां ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व की तरह ही हमने भी 35 वर्ष उम्र का मापदंड रखा था, लेकिन जिलों से जो नाम भेजे गए, उन दावेदारों की नाम इससे से ज्यादा थी। जिसकी वजह से दोबारा नामों को लेकर कसरत की जा रही है। अब जल्द ही युवा मोर्चा के जिला अध्यक्षों के नाम का एलान कर दिया जाएगा।
6 मोर्चे कर चुके हैं घोषणा

पार्टी के सात में से 6 मोर्चे अपने जिलाध्यक्षों की घोषणा कर चुके हैं। हालांकि महिला मोर्चा ने अभी तक जयपुर शहर अध्यक्ष की घोषणा नहीं की है। अल्पसंख्यक मोर्चा ने सबसे पहले जिलाध्यक्ष घोषित किए थे। इसके बाद अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला, किसान और ओबीसी मोर्चे ने भी जिलाध्यक्षों की घोषणा की थी।
आपसी खींचतान भी एक वजह

उम्र के साथ नेताओं की आपसी खींचतान भी जिलाध्यक्षों की घोषणा में देरी की वजह बन रही है। जयपुर सहित सभी संगठनात्मक जिलों में नेता अपने चहेतों को यह पद दिलाना चाहते है, जिसकी वजह से नाम पर एकराय नहीं बन पा रही है। जो जिलाध्यक्षों की घोषणा में रोड़ा बन रही है।
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