Rajasthan BJP: विधानसभा में 'गायब' रहे 4 विधायकों पर फैसले का 'काउंटडाउन', जानें अभी की लेटेस्ट और बड़ी अपडेट
चार विधायकों के सदन से ‘गायब’ रहने का मामला, विधायकों पर लटकी हुई है कार्रवाई की तलवार, पार्टी नेतृत्व ले चुकी है स्पष्टीकरण, अब फैसले का इंतज़ार, विपरीत परिस्थितियों के डर से पार्टी दिखा सकती है दरियादिली , चेतावनी के साथ ‘क्लीन चिट’ की संभावना ज़्यादा, चारों विधायकों से लिया जा चुका है स्पष्टीकरण, उदयपुर संभाग के हैं चारों विधायक

जयपुर।
विधानसभा में सरकार के विश्वासमत के दौरान सदन से नदारद रहे भाजपा के चार विधायकों को क्लीन चिट देने की तैयारी है। सूत्रों की माने तो बात को आगे नहीं बढाते हुए यहीं ‘रफा-दफा’ करने की मंशा से प्रदेश नेतृत्व कटघरे में शामिल इन चार विधायकों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर राहत दे सकता है।
सूत्रों की माने तो पार्टी ने विधायकों की सदन में गैर-मौजूदगी को बेहद गंभीर लापरवाही तो माना है, लेकिन अब विधायकों और पार्टी में अंदरूनी असंतोष ना बढे इसे देखते हुए दरियादिली दिखाई जा सकती है। माना जा रहा है कि इन चार विधायकों को भविष्य में ऐसी पुनरावृति नहीं करने और ऐसा करने पर सख्त कार्रवाई भुगतने की नसीहत देते हुए छोड़ा जा सकता है।
स्पष्टीकरण में कहा- ‘नहीं की गद्दारी’
सदन से नदारद रहे विधायकों ने अपने स्पष्टीकरण में दिए जवाब में कहा है कि उन्होंने पार्टी के साथ किसी तरह की गद्दारी नहीं की है। एक विधायक ने स्वास्थ्य खराब होने, दूसरे ने गाड़ी खराब होने, तीसरे ने जानकारी ही नहीं होने और चौथे ने मौसम खराब होने की वजह से कार्रवाही में शामिल नहीं हो सकते की दलील दी है।
कटारिया को लेना है ‘अंतिम’ फैसला
सवालों के घेरे में आये चारों विधायक प्रदेश के मेवाड़ अंचल से हैं। एक ही संभाग के विधायक होने की वजह से इनसे स्पष्टीकरण लेने और कार्रवाई करने की ज़िम्मेदारी नेता प्रतिपक्ष और संभाग के वरिष्ठ नेता के तौर पर गुलाब चंद कटारिया को दी गई है। विधायकों पर कार्रवाई करने उया उन्हें क्लीन चिट देने का अंतिम फैसला उन्हें ही लेना है।
ये था मामला
राज्य विधानसभा सत्र के पहले दिन 14 अगस्त को जब सरकार को विश्वास और विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव लाना था, ऐसे महत्वपूर्ण कार्यवाही के दौरान भाजपा के चार विधायक बिना किसी सूचना के सदन से गायब हो गए थे। मामले को गंभीर माने हुए प्रदेश भाजपा हरकत में आई और चारों विधायकों को जयपुर तलब कर स्पष्टीकरण मांगा गया। तब सख्त सन्देश दिया गया कि यदि विधायों के जवाब संतोषजनक नहीं लगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। in निर्देशों के बाद सभी चार विधायकों ने पार्टी नेतृत्व को अपना स्पष्टीकरण दिया।
ये चार विधायक हैं कटघरे में
जहाजपुर विधायक गोपीचंद मीणा, गढ़ी विधायक कैलाश मीणा, घाटोल विधायक हरेंद्र निनामा और धरियावाद विधायक गौतम मीणा।
‘किरकिरी’ की वजह बने थे विधायक
विधानसभा सत्र से पहले भाजपा विधायक दल ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का महत्वपूर्ण फैसला लिया था। लेकिन सत्र के पहले दिन पार्टी के अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना को निरस्त करके सभी को चौंका दिया था। बताया जा रहा है कि इसी वजह से विधायक बिना सूचना दिए विधानसभा से चले गए। लेकिन अगर भाजपा विश्वास प्रस्ताव पर डिविजन मांगती तो ऐसे समय में 75 की जगह केवल 71 ही वोट पड़ते। ऐसे में कांग्रेस पर आरोप मंढ़ने वाली भाजपा की किरकिरी हो जाती।
मामला सामने आने के बाद कटारिया ने कहा था कि सदन में उपस्थित रहने के लिए विधायकों को व्हिप जारी किया गया था, इसके बावजूद चार विधायकों का विधानसभा आकर भी सदन से बिना सूचना के चले जाना आशंकापूर्ण है।
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