कि आंखें मूंदे बैठे हुए हैं। विद्युत वितरण निगम सूत्रों के अनुसार बीकानेर शहर में हर रोज 13 प्रतिशत से अधिक यानी लगभग 9 लाख यूनिट बिजली चोरी व छीजत में जाया हो रही है।
शहर की कई कॉलोनियों-बस्तियों और गांवों में लोग अंकुडिये डालकर खुलेआम बिजली चोरी कर रहे हैं। गांवों में जाने से कतराते हैं अधिकारी गांवों व दूरदराज की ढाणियों में बिजली चोरी की सूचना होने के बावजूद जोधपुर डिस्कॉम व विजिलेंट की टीम जाने से कतराती है। इसकी वजह है
लोगों का अधिकारियों के साथ मारपीट करना और अभद्रता करना। ऐसा एक दो बार नहीं कई बार हो चुका है कि बिजली चोरी पकडऩे गए अधिकारियों के साथ मारपीट हुई है। …फिर जोड़ लेते हैं
ग्रामीण क्षेत्र में अगर डिस्कॉम अधिकारी-कर्मचारी कभी-कभार किसी उपभोक्ता का कनेक्शन काट देते हैं तो उपभोक्ता फिर से जोड़ कर बिजली चोरी शुरू कर देते हैं। कर्मचारियों की कमी और संसाधनों के अभाव में डिस्कॉम चोरी पर अंकुश लगाने में विफल साबित हो रहा है।
कुछ की गलती सजा सबको बिजली चोरी शहर, गांव व ढाणियों में कुछ लोग करते हैं लेकिन इसकी सजा सबको समान रूप से मिलती है। बिजली चोरी होने के कारण आए दिन ट्रांसफार्मर जलते हैं और तार टूट कर गिरते हैं।
ट्रिपिंग होती रहती है। इसके अलावा घाटा पूर्ति करने के लिए सरकार व बिजली कंपनियां दर बढ़ाती हैं, जिससे आम उपभोक्ताओं की जेब पर भार पड़ता है। जिले में 14 से 15 प्रतिशत बिजली छीजत हो रही है। छीजत और चोरी को रोकने की तमाम कोशिशें जारी हैं। अब नई व्यवस्था के तहत चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ।
प्रेमजीत धोबी, संभाग मुख्य अभियंता, जोधपुर डिस्कॉम लोक अदालत 12 को जोधपुर विद्युत वितरण निगम की ओर से अतिरिक्त जिला न्यायालय नंबर एक में विद्युत चोरी की धारा 135 के तहत प्रथम चोरी के अंतर्गत दर्ज मुकदमों के प्रकरणों का
नियमानुसार समीक्षा कर निस्तारण किया जाएगा। अधीक्षक अभियन्ता (शहर वृत) ने बताया कि यह लोक अदालत 12 नवंबर को आयोजित की जाएगी।