प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह दो दिवसीय प्रवास पर होने के चलते जयपुर से ही इस सेमी वर्चुअल बैठक में शरीक होंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक के ज़रिये भाजपा अपनी पार्टी में ‘ऑल इज़ वेल’ का सन्देश देगी जबकि वसुंधरा-पूनिया गुटों के बीच बयानबाज़ी चरम पर है।
नड्डा की नसीहत तक नहीं आई काम
पिछली कार्यसमिति की बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी रही थी। तब भी वसुंधरा-पूनिया खेमे आमने-सामने थे और नेताओं के बीच बयानबाज़ी चरम पर थी। नड्डा ने किसी का नाम लिए बगैर इशारों ही इशारों में बहुत कुछ कह डाला था। उन्होंने तब दो टूक अंदाज़ में नसीहत दे डाली थी कि एकला चलो से काम नहीं चलेगा, बल्कि सभी को साथ मिलकर चलना होगा। इस तरह से उन्होने सभी नेताओं को एकजुटता से काम करने की हिदायत दी थी।लेकिन उसके बाद भी अलग-अलग खेमों में बंटे नेताओं के बेसह बयानबाज़ी थमी नहीं।
इन विषयों पर चर्चा
कार्यसमिति बैठक में चार सत्रों में पूरी होगी, जिसमें राजनीति और शोक प्रस्ताव पारित किये जाएंगे। बैठक में ‘सेवा ही संगठन’ अभियान के तहत किये जा रहे सेवा कार्यों पर चर्चा होने के अलावा कोरोना काल में पार्टी के दिवंगत हुए कार्यकर्ताओं को संबल देने के लिए कार्ययोजना पर भी संवाद किया जा रहा है। इसके अलावा सशक्त मण्डल, सक्रिय बूथ समिति, पन्ना प्रमुख नियुक्ति, प्रदेश एवं जिलों के राजनीतिक व संगठनात्मक विषयों पर चर्चा हो रही है।
कार्यसमिति बैठक इसलिए महत्वपूर्ण
प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की इस बार की बैठक भी हर बार की तरह बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। दरअसल, जयपुर पहुंचे प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह इस दौरे के जरिए सभी नेताओं को केंद्रीय नेतृत्व से मिला संदेश भी दे सकते हैं। वहीं अंदरूनी खींचतान से जूझ रही पार्टी के नेताओं को एक सूत्र में पिरोने की भी कोशिश करेंगे।
चरम पर है भाजपा में खेमेबाज़ी
प्रदेश भाजपा में इन दिनों वसुंधरा राजे गट और सतीश पूनिया गट के बीच खेमेबाजी खुलकर सामने आई हुई है। वसुंधरा राजे खेमे के विधायकों ने प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। राजे समर्थित नेता वसुंधरा राजे को सर्वमान्य नेता बताते हुए उनका कोई अन्य विकल्प नहीं होने की बात कह रहे हैं। जबकि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया बार-बार दो टूक कह रहे हैं कि पार्टी से बड़ा कोई नहीं है। इस तरह की बयानबाजी ना पार्टी और ना ही बयान देने वाले के हित में हैं।