पार्टी का एक धड़ा मानता है कि निकाय एवं पंचायत चुनाव से पहले प्रदेशाध्यक्ष के नाम की घोषणा ( rajasthan bjp latest news ) होगी तो चुनावी एकजुटता पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। नए प्रदेशाध्यक्ष को लेकर जातिगत आधार पर चल रही लॉबिंग का असर यह है कि पार्टी तय नहीं कर पा रही कि किसे राजस्थान की कमान सौंपी जाए। केन्द्रीय संगठन और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दलित या किसी जाट को अध्यक्ष बनाने के पक्ष में है। दलित चेहरे के पीछे पार्टी की मंशा कांग्रेस के वोट बैंक पर सेंध मारने की है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार इस बार ऐसी जाति के नेता को राजस्थान की कमान ( New rajasthan BJP president ) सौंपने का लक्ष्य है जो बड़े वोट बैंक का हिस्सा हो। इधर, पार्टी के प्रदेश स्तरीय नेता किसी ब्राह्मण को इस पद पर बैठाना चाहते हैं। अध्यक्ष पद के लिए छह से ज्यादा नेता अपनी लॉबिंग में लगे हुए हैं। इनमें संघ से जुड़े नेता ज्यादा सक्रिय हैं। संगठन चुनावों में भी अब कुछ ही समय बचा है। पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती आने वाले पंचायत और विधानसभा उपचुनाव हैं। ऐसे में पार्टी को यह चिंता भी है कि किस चेहरे को लेकर चुनाव में उतरा जाएगा। नतीजतन पार्टी इस दिशा में सोच रही है कि संगठन एवं निकाय चुनाव तक नए अध्यक्ष का चयन टाल दिया जाए। तब तक संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर अनौपचारिक तौर पर पार्टी की कमान संभाले रखेंगे।