राजस्थान का जिम्मा संभाल रहे कुछ भाजपा नेताओं ( Rajasthan BJP Leader ) से चर्चा और संघ से राय जानने के बाद आलाकमान अपने स्तर पर ही नए अध्यक्ष का निर्णय करेगा। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक पिछली बार जो प्रदेश अध्यक्ष का विवाद चला, वह पार्टी को विधानसभा चुनाव ( Vidhan Sabha Election ) में भारी नुकसान दे गया। 75 दिन तक चली लड़ाई से कार्यकर्ता गुटों में बंट गए और परिणाम आशा के अनुरूप नहीं आया। इस बार पार्टी इस मामले को पूरी तरह से गोपनीय रख रही है।
बताया जा रहा है कि पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री वी सतीश, जो कि प्रदेश के संगठन प्रभारी हैं। उनसे ही पार्टी आलाकमान ज्यादा बातचीत कर रहा है। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थानीय इकाई की भी राय ली जा रही है। एक बार यह राय ली जा चुकी है और दूसरी बार फिर से चर्चा की जाएगी। वहीं, प्रदेश भाजपा से जुड़े प्रमुख नेताओं से इस बार प्रदेश अध्यक्ष ( rajasthan bjp president list ) के निर्णय को लेकर ज्यादा चर्चा नहीं की जा रही है और ना ही उनसे ज्यादा बातचीत की जा रही है।
संघ की राय होगी अहम
इस बार प्रदेश अध्यक्ष के निर्णय में आरएसएस की राय काफी अहम होने वाली है। लोकसभा चुनाव ( Lok Sabha Election ) में पार्टी आलाकमान ने कई सीटों पर संघ की राय को काफी तवज्जो दी थी और इसके परिणाम भी सकारात्मक आए थे। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी इस बार भी ना सिर्फ संघ की राय लेगी, बल्कि कोशिश भी यही रहेगी कि अध्यक्ष भी उसी को बनाया जाए, जिसकी पृष्ठभूमि संघ से जुड़ी हुई होगी।
पूनिया सबसे आगे, देवनानी भी दौड़ में
पार्टी सूत्रों के मुताबिक केन्द्र में राजपूत, जाट और एससी वर्ग को प्रतिनिधित्व मिल चुका है। ऐसे में अब अध्यक्ष पद पर किसी ऐसे नेता को बैठाए जाने की चर्चा है, जो शुद्ध रूप से कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता हो। सतीश पूनिया ( Satish Punia ) के रूप में पार्टी जातिगत और कार्यकर्ता के हिसाब से बड़ा चेहरा माना जा रहा है। अध्यक्ष की दौड़ में पूनिया का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक केन्द्र में राजपूत, जाट और एससी वर्ग को प्रतिनिधित्व मिल चुका है। ऐसे में अब अध्यक्ष पद पर किसी ऐसे नेता को बैठाए जाने की चर्चा है, जो शुद्ध रूप से कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता हो। सतीश पूनिया ( Satish Punia ) के रूप में पार्टी जातिगत और कार्यकर्ता के हिसाब से बड़ा चेहरा माना जा रहा है। अध्यक्ष की दौड़ में पूनिया का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है।
दूसरी तरफ एक अन्य नाम निकल कर आ रहा है, वो है पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ( Vasudev Devnani ) का। देवनानी शुद्ध रूप से संघ पृष्ठभूमि से आते हैं और आज भी इनकी पहचान एक कार्यकर्ता के रूप में मानी जाती है। सत्ता और संगठन दोनों का लम्बा अनुभव भी है।
पूनिया और देवनानी के अलावा विधायक मदन दिलावर ( Madan Dilawar ), अरुण चतुर्वेदी ( Arun Chaturvedi ), सांसद सीपी जोशी ( CP Joshi ) का नाम भी चर्चा में है। यदि किसी नाम पर सहमति नहीं बनती तो पार्टी किसी ब्राह्मण चेहरे को भी अध्यक्ष बनाने का दांव खेल सकती है।