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भाजपा का पलटवार, पूनिया बोले: सीएम कभी घोड़े की बात करते हैं, कभी बकरे की, देखें वीडियो

locationजयपुरPublished: Jul 11, 2020 06:28:37 pm

मुख्यमंत्री के आरोपों के बाद नेता प्रतिपक्ष, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष ने प्रेस वार्ता कर दिए आरोपों के जवाब, भाजपा नेताओं ने कहा : विधायकों को बकरा मंडी कहने वाले मुख्यमंत्री पर एक नहीं कई विशेषाधिकार हनन बन रहे

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विकास जैन / जयपुर। विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोपों पर आमने सामने हुई भाजपा और कांग्रेस की सियासत के दौरान शनिवार को नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतश पूनिया और उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने प्रेस वार्ता कर मुख्यमंत्री के आरोपों का जवाब दिया। प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में पूनिया और राठौड़ मौजूद थे। जबकि कटारिया उदयपुर से वर्चुअल इस वार्ता में जुड़े।
राजस्थान के विधायक बकरा मंडी कैसे : पूनिया

सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर कटाक्ष करते हुए कहा कि, हमारे मुख्यमंत्री बड़े पर्यावरण प्रेमी है। वे इतने वन्यजीव प्रेमी है, कभी घोड़े की बात करते हैं, आज बकरे की कर दी। कोई उनसे पूछे कि राजस्थान के विधायक बकरा मंडी कैसे हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि वे पहले राहुल गांधी से पूछ लेते कि क्या बोलना है। इतना विचलित मुख्यमंत्री को कभी नहीं देखा। बेशर्मी जैसे शब्दों का इस्तेमाल उन्होंने किया। राजस्थान की राजनीति की शुचिता को उन्होंने तार तार किया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल मुख्यमंत्री विधायकों, प्रधानमंत्री और केन्द्रीय गृहमंत्री के खिलाफ कर रहे हैं, उससे तो उन पर एक नहीं कई विशेषाधिकार हनन बन रहे हैं। पूनिया ने कहा कि यह स्वीकार कर लिया गया है कि नेताओं के फोन टैप कर लिए, तो क्या यह स्वतंत्रता का हनन नहीं है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के लिए कुछ भी बोलकर सहकारी संघवाद की भावना का अपमान किया है।
इतना क्यों घबरा रहे हैं मुख्यमंत्री : कटारिया

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार के पास पूर्ण बहुमत है, अभी वे लोग राज्यसभा चुनाव जीते हैं तो भी मुख्यमंत्री इतना परेशान क्यों हो रहे हैं।
पांच साल मुख्यमंत्री कहीं नहीं गए, इसलिए घबरा रहे : राठौड़

उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री पिछली भाजपा सरकार के समय विधानसभा में आए नहीं, कांग्रेस के किसी आंदोलन में शामिल नहीं हुए, दौरे उन्होंने राजस्थान में किए नहीं, इसलिए अब उन्हें सरकार बचाने के लिए यह सब कुछ करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री घबरा इसलिए रहे हैं, क्योंकि उनके खुद के कुनबे में भगदड़ मची हुई है।

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