गृह मंत्री होने के कारण मुख्यमंत्री को ना सिर्फ क़ानून व्यवस्था पर घेरा है, बल्कि प्रदेश में बिगड़ते बिजली तंत्र और पेयजल संकट जैसे मूलभूत मुद्दे को भी पुरज़ोर तरीके से उठाया जा रहा है। यही नहीं मुख्यमंत्री के हर बयान पर फ़ौरन पलटवार करने में भी भाजपा के सीनियर नेता पीछे नहीं हैं।
मारवाड़ के गांधी जी, अपनी गिरेबान में झांकिए: पूनिया
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के उस ताज़ा बयान पर भी पलटवार किया है जिसमें उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर देश के लोगों को धर्म और जाति में बांटने के एजेंडे पर काम करने के आरोप लगाए हैं। डॉ पूनिया ने अपने बयान में मुख्यमंत्री गहलोत को मारवाड़ का गांधी सम्बोधित करते हुए कहा, 'आप क्या कर रहे हैं? अपनी गिरेबान में झांकिए। देश के विभाजन से लेकर आज तक तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति के अलावा कुछ किया हो तो बताइये। वरना नेहरू-गांधी खानदान की चमचागिरी की इस तोता रटंत से प्रदेश की जनता अब त्रस्त हो चुकी है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने रविवार को आरोप लगाते हुए कहा था कि आरएसएस और बीजेपी ने तय कर रखा है कि हमें इस देश को किस प्रकार बांटना है हिंदू-मुस्लिम, धर्मों के बीच में, जाति के बीच में, ये उनके एजेंडा का पार्ट है। ये अभी तो शुरुआत है, आने वाले समय में मुख्यमंत्री और सरकार पर और बड़े अटैक करेंगे, इनकी योजना है।'
सत्ता का दुरुपयोग था करौली दंगा : राजेंद्र राठौड़
पूर्व मंत्री व उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी लगातार निशाने पर ले रहे हैं। राठौड़ ने भी मुख्यमंत्री के करौली हिंसा को लेकर दिए ताज़ा बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री जी, सरकार आपकी, पुलिस आपकी, गृह विभाग के मुखिया आप स्वयं हैं। इसके बावजूद करौली में दंगे होना बीजेपी का प्रयोग नहीं वरन सत्ता का दुरुपयोग था, जिसमें सरकार के संरक्षण में दंगाइयों ने हिन्दू नववर्ष पर निकली रही रैली पर पथराव किया और सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ा।'
दरअसल, मुख्यमंत्री गहलोत ने रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा था कि जो करौली में हुआ वो एक प्रकार से भाजपा के षड़यंत्र का प्रयोग था। करौली में जो घटना हुई हमने तो रोक दिया था। राजस्थान भर में और रामनवमी पर सब धर्मों ने मिलकर जुलूस निकाले, परंतु करौली में उनका जिस रूप में प्रयोग हुआ वही प्रयोग रामनवमी पर 7 राज्यों में हुआ है, दंगे भड़के, फिर बुलडोजर आ गए चलाने के लिए।
बिजली कटौती की हो जांच, तो मिलेंगे भ्रष्टाचार के तंत्र : शेखावत
सीएम गहलोत पर बयानी अटैक में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी पीछे नहीं हैं। उन्होंने एक बार फिर राज्य में बिजली संकट को लेकर गहलोत सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने पूछा कि कांग्रेस सरकार के समय ही बिजली संकट क्यों गहराता है? इसकी जांच हो तो बहुत लंबे भ्रष्टाचार के तंत्र महंगी बिजली खरीदने के नाम पर जरूर मिलेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि जब-जब भी राजस्थान में कांग्रेस की सरकार आती है, बिजली का संकट और बिजली कटौती की स्थिति क्यों बनती है? इस बात की जांच मीडिया को भी करनी चाहिए। यदि इसकी जांच करेंगे तो इसमें बहुत लंबे भ्रष्टाचार के तंत्र महंगी बिजली खरीदने के नाम पर जरूर मिलेंगे।