प्रदेश भाजपा नेतृत्व का फिलहाल पूरा फोकस कृषि बिल पर हो रहे हंगामे पर टिका हुआ है। यही वजह है कि इस सम्बन्ध में पदाधिकारियों की वर्चुअल बैठकों ने गति पकड़ ली है। मंगलवार को भी दिनभर अलग-अलग बैठकों का सिलसिला जारी रहा।
किसान कल्याण बिलों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रदेश भाजपा के किसान मोर्चे ने ज़िम्मेदारी संभाल ली है। मोर्चे के पदाधिकारियों को प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया और संगठन महामंत्री चंद्रशेखर ने रणनीति बनाते हुए विशेष दिशा-निर्देश जारी किये हैं। मंगलवार को हुए एक वर्चुअल संवाद के दौरान किसान मोर्चे के प्रदेश उपाध्यक्ष माधोराम चौधरी और महामंत्री भजनलाल सहित अन्य पदाधिकारी भी शामिल रहे।
कोरोनाकाल के दौरान अपनी बात जनता तक पहुंचाने के लिए भाजपा एक बार फिर सोशल मीडिया पर जोर दे रही है। कृषि सुधार बिलों को जनता तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया से जुड़े विभिन्न प्लेटफॉर्म्स को काम में लिया जाएगा। इसके लिए प्रदेश नेतृत्व ने पार्टी के आईटी विभाग को अलग-अलग तरह के ज़्यादा से ज़्यादा कैम्पेन्स शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
कृषि बिलों पर विरोधी दल, भाजपा शासित केंद्र सरकार को चौतरफा घेर रहे हैं। ऐसे में विपक्ष के आरोपों का मीडिया के माध्यम से जवाब देने के लिए पार्टी के प्रवक्ता और मीडिया पैनालिस्ट्स भी तैयार हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार प्रदेश नेतृत्व की ओर से मीडिया टीम को भी एक ख़ास रणनीति के साथ विरोधियों का जवाब देने के लिए निर्देशित किया गया है।
प्रदेश में भी कृषि बिलों पर किसानों की नाराजगी खुलकर सामने आने लगी है। किसानों को बिल से जुड़े कई बिन्दुओं पर एतराज़ है और वे इसमें संशोधन की मांग पर अड़े हैं। वहीं कांग्रेस पार्टी भी बिलों को किसान विरोधी बताते हुए इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठा रही है। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए भाजपा के सामने इन बिलों के समर्थन में किसानों और आमजन तक पहुंचना चुनौतियों भरा रहेगा।
कृषि बिलों पर हो रहे ‘हो-हल्ले’ के बीच प्रदेश भाजपा पदाधिकारियों ने मोर्चा संभाल लिया है। इसी क्रम में आज पूर्व मंत्री व प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर आज दोपहर साढ़े 12 बजे फेसबुक लाइव रहेंगे। वे कृषि बिलों से जुडी किसानों-आमजन की तमाम शंकाओं को दूर करते हुए इसके फायदे गिनाएंगे।