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सरकार की दशा-दिशा तय करेगा अदालती फैसला, BSP-Congress विलय अयोग्य होने पर गड़बड़ा जाएगा सियासी गणित!

locationजयपुरPublished: Jul 30, 2020 11:23:13 am

Submitted by:

Nakul Devarshi

बसपा के 6 विधायकों का कांग्रेस में विलय प्रकरण, सियासी हलचलों के बीच हाईकोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई, जस्टिस महेंद्र गोयल की बेंच में दोपहर दो बजे सूचीबद्ध है प्रकरण, पायलट खेमा और भाजपा ‘वेट-एंड-वाच’ की स्थिति में, विलय अयोग्य होने पर बिगड़ सकता है ‘सियासी गणित’

rajasthan bsp mla joining congress matter hearing in high court
जयपुर

बहुजन समाज पार्टी के 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज फिर से राजस्थान हाईकोर्ट में अहम् सुनवाई होगी। भाजपा विधायक मदन दिलावर और बसपा की ओर से पेश हुई याचिका पर जस्टिस महेंद्र गोयल सुनवाई करेंगे। मामला हाईकोर्ट की पूरकवाद सूची में दोपहर दो बजे के लिए सूचीबद्ध है। विधायक मदन दिलावर की ओर से अधिवक्ता हरीश साल्वे और जयपुर से अधिवक्ता आशीष शर्मा जबकि बसपा की ओर से दिनेश कुमार गर्ग, सत्यपाल जैन और बसपा के महासचिव सतीश मिश्रा वीडियो कांफ्रेंस के ज़रिये पैरवी करेंगे।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट में बुधवार को भी इन याचिकाओं पर हुई सुनवाई में अधिवक्ताओं ने अपना पक्ष रखा था। कल हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मदन दिलावर और बसपा के अधिवक्ताओं से पूछा था कि उनकी याचिकाओं पर सुनवाई क्यों की जाए? न्यायाधीश महेन्द्र गोयल ने इस दौरान जानना चाहा कि ये याचिकाएं सुनवाई योग्य कैसे हैं और तकनीकी आधार पर दिलावर की याचिका खारिज करने के विधानसभा अध्यक्ष के आदेश पर क्यों दखल किया जाए। कोर्ट ने पूछा कि संविधान की 10वीं अनुसूची के पैरा 4 के तहत विलय को लेकर याचिका किस तरह सुनवाई योग्य है।
महत्वपूर्ण रहेगा कोर्ट का रुख
बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायकों का पेंच ऐसा बना हुआ है जो सरकार के लिए कभी भी परेशानी बन सकता है। बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायक सरकार को बचाने और बिगड़ने के ‘गणित’ में अहम् किरदार साबित हो रहे हैं। विधायक मदन दिलावर और बसपा की ओर से विलय की आपत्तियों को यदि कोर्ट स्वीकार ककर लेता है तो प्रदेश का ‘सियासी गणित’ बिगड़ सकता है।
इधर, बसपा सुप्रीमों मायावती ने विधायकों को कांग्रेस के खिलाफ वोट करने को लेकर व्हिप जारी किया है। उन्होंने इस मामले में हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने पर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाज़ा खटखटाने का एलान किया है। इन सभी परिस्थितियों के बीच सचिन पायलट खेमा और भाजपा नज़र गढ़ाए बैठे हैं।
कल की सुनवाई के हाईलाइट्स
– दिलावर की ओर से अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि बसपा के विधायकों का विलय पूरी तरह से अमान्य है, क्योंकि बसपा एक राष्ट्रीय पार्टी है उसका राज्य स्तर पर विलय कैसे मंजूर हो सकता है। इस पर कोर्ट ने साल्वे से कहा कि आपकी याचिका तकनीकी आधार पर खारिज हुई है।
– कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से किए तीन सवाल:- बसपा विधायकों के विलय के 6 माह से अधिक समय बाद याचिका दायर करने का कारण क्या है? आप किस आधार पर कोर्ट आए है आपकी याचिका सुनवाई योग्य कैसे है? क्या विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले में मेरिट पर निर्णय किया है?
– बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा ने कहा कि जब तक कि राष्ट्रीय पार्टी की ओर से स्वीकृति नही मिल जाती तब तक राज्य स्तर पर विधायको का विलय नहीं किया जा सकता, इस मामले में राष्ट्रीय नेतृत्व ने विलय को मंजूरी नही दी है इसलिए विलय पूरी तरह से अमान्य है।
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