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राजस्थान बजट 2017-18: पेयजल के लिए हुए थे ये बड़े ऐलान, जानिए किस जिले के लिए क्या था लक्ष्य

locationजयपुरPublished: Feb 06, 2018 09:25:17 pm

2017-18 में एकीकृत तारानगर-झुंझुनूं-सीकर-खेतड़ी जिला परियोजना सहित कई योजनाओं को पूरा करने लक्ष्य निर्धारित किया गया था।

Rajasthan Budget Big Announcements
जयपुर। पिछले चारों बजट में वार्षिक योजना का आकार तो बढ़ा, लेकिन उन्हें पूरा कर पाना सरकार के लिए बड़ी चुनौती रही। राजस्थान विधानसभा में 8 मार्च को मुख्यमंत्री ने वर्ष 2017-2018 का बजट पेश किया था। जिसमें वित्तमंत्री के रूप में चौथी बार विधानसभा में बजट पेश करते हुए सीएम ने कहा था कि तीन साल में पूर्व की स्वीकृत 37 बड़ी परियोजनाओं को पूर्ण करने की घोषणा की थी। इनमें से 32 पूरी कर ली गई है। शेष पांच परियोजनाएं अगले वित्त वर्ष में पूरी कर ली जाएंगी, जिन पर 5292 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
2017-18 में इन योजनाओं को पूरा करने का था लक्ष्य-

– एकीकृत तारानगर-झुंझुनूं-सीकर-खेतड़ी जिला परियोजना, झुंझुनू और सीकर
– फतेहपुर-लक्षमणगढ़ पेयजल परियोजना, सीकर
– आपणी योजना द्वितीय चरण (रतनगढ़-सुजानगढ़) पेयजल परियोजना, जिला चुरू
– क्षेत्रीय जल प्र्रदाय योजना बस्सी पेयजल परियोजना, जिला जयपुर
– बीसलपुर बांध से टोंक उनियारा-देवली पेयजल परियोजना जिला टोंक
– क्षेत्रीय जल प्रदाय योजना पीलवा-सादड़ी जंबेश्वर नगर पेयजल परियोजना, जिला जोधपुर
– बोराबास-मंडाना पेयजल परियोजना जिला, कोटा
– चंबल बूंदी क्लस्टर पेयजल परियोजना, जिला बूंदी
– चंबल भीलवाड़ा पेयजल परियोजना द्वितीय चरण, जिला भीलवाड़ा
बता दें कि इन सभी परियोजनाओं के पूर्ण होने से 19 कस्बों, 2330 गांव और 3430 ढाणियों में निवास करने वाली लगभग 41 लाख आबादी लाभान्वित होगी।

2017-18 की अहम परियोजनाएं-

– डीडवाणा शहर जिला नागौर की शहरी जल योजना का पुनर्गठन दो चरणों में करने की बात कही गई थी। जिस पर लगभग 32 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
– वर्ष 2017-18 में एक हजार 175 सोलर डीफ्लोराइडेशन यूनिट्स के कार्य हाथ में लिए जाएंगे, जिन पर 137 करोड़ रुपए की खर्च रखा गया था।

– आगामी दो वर्षो में जयपुर, अजमेर , उदयपुर , बीकानेर और भरतपुर शहर में दो जोनों में शहरी जलप्रदाय योजनाओं पर कार्य करवाए जाने का लक्ष्य रखा गया था।
– जयपुर के बाद कोटा में भी 24 घंटे जलापूर्ति सुनिश्चित कराने की बात। जिस पर 850 करोड़ रुपए खर्च।

– वर्ष 2017-18 में भरतपुर जिले के डीग, कुम्हेर, नगर, कामां, नदबई और धोलपुर जिले के बाड़ी, सविाईमाधोपुर जिले के गंगापुर सिटी और चुरू जिले के रतनगढ़ तथा राजलदेसर कस्बे में निजी जन सहभागिता के आधार पर प्रथम चरण में 30 आरओ प्लांट स्थापित कराने का लक्ष्य रखा गया था।
तो वहीं आगामी दो वर्षो में जयपुर, अजमेर, उदयपुर, बीकानेर और भरतपुर शहर में स्केडा सिस्टम की स्थापना , जिस पर करीब 120 करोड़ रुपए का व्यय निर्धारित की गई थी।

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