राजस्थान बजट 2019 के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने सिलसिलेवार कई ट्वीट किए और बजट को निराशाजनक बताया। राजे ने ट्वीट किया, ‘चुनाव से पहले कई लोकलुभावने वादे कर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार का पहला बजट काफी निराशाजनक है। मुख्यमंत्री जी ने हताश मन से सदन में बजट की औपचारिकताएं पूरी की है, जिसके बाद #Rajasthan का आम आदमी अब स्वयं को ठगा महसूस कर रहा है।’
अगले ट्वीट में वसुंधरा ने लिखा कि ‘किसानों को सम्पूर्ण कर्जमाफी, युवाओं को 3500 रु बेरोजगारी भत्ता जैसे सपने दिखाने वाली गहलोत सरकार से आमजन को काफी उम्मीदें थीं। लेकिन इस बजट में ऐसी कोई नीति नहीं है जिससे #Rajasthan के निम्न व मध्यम वर्ग का जीवन स्तर बेहतर हो सके व युवाओं के सपने साकार हों।’
सीएम को जनता से माफी मांग लेनी चाहिए थी
पूर्व सीएम ने ये भी कहा कि कांग्रेस सरकार चुनाव के समय जारी अपने जनघोषणा पत्र को भूल चुकी है। यही कारण है कि गांव, गरीब, किसान, युवाओं व महिलाओं का बजट से कोई सरोकार नहीं है। बजट में जब कुछ था ही नहीं, तो कम से कम CM गहलोत जी को प्रदेश में फैली अराजकता के लिए जनता से माफी ही मांग लेनी चाहिए थी।
वसुंधरा ने कांग्रेस पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए ट्वीट किया—
विडम्बना देखिए, राज्य सरकार वित्तीय स्थिति के संबंध में पिछली सरकार पर आरोप लगाकर लोकतंत्र के मंदिर में झूठ बोलने का प्रयास कर रही है। सच तो यह है कि दिल्ली से लेकर जयपुर तक कई धड़ों में बंटी कांग्रेस सरकार के पास ऐसी कोई नीति नहीं है जिससे जन अपेक्षाओं पर खरा उतरा जा सके।
आखिरी ट्वीट में कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा जारी बजट गुड गवर्नेंस के नाम पर जनता से कुठाराघात है। जिससे #Rajasthan का आगे बढ़ना तो दूर, भाजपा सरकार ने विकास को जो गति दी थी, वह भी धीमी पड़ जाएगी।