जयपुर

देश की ब्यूरोक्रेसी के फलक पर जमी हुई है राजस्थान के नौकरशाहों की धाक, अब और मिलेगी ताकत

राजस्थान के सुनील आरोड़ा मुख्य चुनाव आयुक्त, राजीव महर्षि कैग और सुधीर भार्गव मुख्य सूचना आयुक्त पद पर आसीन…

जयपुरMay 26, 2019 / 01:02 am

dinesh

जयपुर।

राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली की नौकरशाही में राजस्थान के नौकरशाहों ( Rajasthan Bureaucrats ) की धाक पिछले कुछ वर्षों से जमी हुई है। भाजपा के एक बार फिर धमाकेदार बहुमत के साथ केन्द्र में सत्ता में लौटने से आने वाले समय में भी यह नौकरशाह ताकतवर बने रहेंगे। फिलहाल देश की तीन सर्वोच्च संस्थाओं के प्रमुख राजस्थान के हैं। राजस्थान के सुनील आरोड़ा मुख्य चुनाव आयुक्त, राजीव महर्षि कैग, सुधीर भार्गव मुख्य सूचना आयुक्त हैं।
 

सुनील अरोड़ा-मुख्य चुनाव आयुक्त ( Sunil Arora )
इवीएम पर मचे घमासान के बीच देश का सबसे चुनौतीपूर्ण लोकसभा चुनाव कराया। वहीं राजस्थान समेत 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव सफलतापूर्व करवाए। हालांकि लोकसभा चुनाव में उन पर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने पक्षपात का आरोप लगाया, लेकिन वे शांति से अपने काम करते रहे। आरोड़ा आइएएस रहते हुए राजस्थान और केन्द्र में कई मंत्रालयों के अहम पदों पर काम कर चुके हैं।
 

राजीव महर्षि-कैग ( rajiv mehrishi )
नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) पद पर राजीव महर्षि आसीन हैं। इस दौरान कैग ने रफाल डील पर रिपोर्ट जारी की थी, जो चर्चित रही। रिपोर्ट में यूपीए के मुकाबले एनडीए की डील को सस्ता बताया है। इससे पहले 2014 में भाजपा के केन्द्र में सत्ता संभालने के बाद आइएएस महर्षि को राजस्थान से दिल्ली बुलाया। तब वे यहां मुख्य सचिव थे। वे वित्त और गृह मंत्रालय में सचिव भी रहे।
 

सुधीर भार्गव-मुख्य सूचना आयुक्त ( Sudhir bhargava )
मुख्य सूचना आयुक्त सुधीर भार्गव ने पिछले दिनों इवीएम को लेकर अहम फैसला दिया। एक अपील पर चुनाव आयोग को एक जने को इवीएम मशीन देने का फैसला सुनाया था। नोटबंदी के दौरान भी 500 व 2000 के नोट छपाई के आंकड़े सार्वजनिक करने के आदेश दिए थे। उस वक्त कतार में खड़े होने से मृत लोगों की संख्या पर अहम फैसला दिया। राजस्थान में शिक्षा पर अच्छा काम किया।
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