उपचुनाव में कांग्रेस के स्थानीय नेता भाजपा पर क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर हमलावर रहेंगे। बड़े नेता केन्द्र सरकार के कृषि कानूनों के साथ पेट्रोल-डीजल और अन्य खाद्य सामग्री महंगी होने को भी मुख्य मुद्दा बनाएगी। विपक्ष को नाकारा बताते हुए भी हमले किए जाएंगे। राज्य में बेहतर कोरोना प्रबंधन को उपलब्धि के रूप में गिनाया जाएगा। केन्द्र सरकार पर राज्य के हिस्से की राशि में कटौती करने से विकास के काम प्रभावित होने और राज्य के सभी 25 सांसद भाजपा के होने के बावजूद विकास के लिए कोई बड़ी योजना नहीं दिला पाने का आरोप लगाते हुए भी कांग्रेस हमलावर रहेगी।
किसान कर्जमाफी के मुद्दे पर भाजपा नेता सरकार को सड़क से सदन तक घेर रहे हैं। दो साल के कार्यकाल में प्रदेश का विकास ठप होने को भी मुद्दा बनाएगी। भाजपा नेताओं का कहना है कि कर्जमाफी के नाम पर सरकार ने किसानों से धोखा किया। वादा सम्पूर्ण कर्जमाफी का किया लेकिन राष्ट्रीयकृत बैंकों का किसानों का कर्जा अब तक माफ नहीं किया। पांच साल तक बिजली दर नहीं बढ़ाने का वादा किया लेकिन दरें लगातार बढ़ाई जा रही हैं। युवाओं को रोजगार और बेरोजगारी भत्ता तक नहीं दिया जा रहा। राज्य की बिगड़ी कानून व्यवस्था का मुद्दा भी भाजपा उठाएगी।
सुजानगढ़ (चूरू)
वल्लभनगर (उदयपुर)
सहाड़ा (भीलवाड़ा)
राजसमंद (राजसमंद)