Rajasthan Politics : राजस्थान में लोकसभा चुनाव के रिजल्ट आने के बाद अब विधानसभा उपचुनाव पर टिकट वितरण को लेकर सियासत शुरू हो गई है। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के साथ 11 सीटों पर अपना कब्जा जमाकर बीजेपी के क्लीन स्वीप करने का सपने को चूर-चूर कर दिया। जबकि बीजेपी को 14 सीट जीतकर ही संतोष करना पड़ा। इस हार के कारण बीजेपी में हलचल है।
इस बार के राजस्थान लोकसभा चुनाव में प्रदेश के सात विधायकों ने सांसद बनने का सपना देखा। जिसमें पांच विधायक ही कामयाब हो सके। जिसके कारण विधानसभा सीटों पर विधायक का पद खाली हो गया है। इसके चलते अब फिर से राजस्थान में पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे। इनमें एक आरएलपी, एक बाप पार्टी का तो वहीं तीन कांग्रेस विधायक शामिल हैं। ऐसे में अब सियासी गलियारों में इन सीटों चौरासी, खींवसर, दौसा, देवली-उनियारा, झुंझुनूं पर विधायकों के उत्तराधिकारियों के नामों को लेकर चर्चा जारी है।
लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश की पांच सीटों पर भाजपा, कांग्रेस, आरएलपी और बाप पार्टी से प्रत्याशियों के नामों को लेकर चर्चा बनी हुई है। बांसवाड़ा की चौरासी विधानसभा सीट से बाप पार्टी कांतिलाल रोत या मोहनलाल रोत में से किसी को भी टिकट दे सकती है। वहीं कांग्रेस से ताराचंद भगोरा तो बीजेपी से सुशील कटारा को टिकट मिल सकता है।
दूसरी ओर, दौसा लोकसभा क्षेत्र से मुरारी लाल मीणा हाल ही में चुनाव जीतकर सांसद बने है। यहां से कांग्रेस नरेश मीणा या गजराज खटाना तो वहीं भाजपा शंकर शर्मा या किसी मीणा कैंडिडेट को मैदान में उतार सकती है।
झुंझुनूं विधानसभा से कांग्रेस विधायक बृजेंद्र ओला के सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हो गई है। अब इसी विधानसभा सीट से बीजेपी राजेंद्र भाम्बू, बबलू चौधरी या फिर भाजपा के वरिष्ठ नेता सतीश पूनियां को टिकट दे सकती है तो वहीं कांग्रेस से एमडी चोपदार प्रत्याशी हो सकते है।
टोंक-सवाई माधोपुर से सांसद का चुनाव जीते हरीश मीना के बाद देवली-उनियारा विधानसभा सीट खाली हो गई है। जिस पर भाजपा विजय बैंसला या सौम्या गुर्जर को चुनाव लडवा सकती है। वहीं कांग्रेस किसी मीणा कैंडिडेट को टिकट दे सकती है।
राजस्थान विधानसभा उपचुनाव की सबसे हॉट सीट रहने वाली खींवसर से हाल ही में हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा का चुनाव जीता। अब बीजेपी यहां से रेवत राम डांगा या ज्योति मिर्धा को मैदान में उतार सकती है तो कांग्रेस गठबंधन के तहत रालोपा के नारायण बेनीवाल या कनिका बेनीवाल को टिकट दे सकती है। कांग्रेस अगर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ती है तो उसे उम्मीदवार ढूंढना होगा। बता दें कि किसी भी विधानसभा सीट खाली होने के बाद 6 माह के दौरान वहां चुनाव आयोग की ओर से उपचुनाव आयोजित किए जाते हैं।
Updated on:
17 Jun 2024 12:44 pm
Published on:
17 Jun 2024 12:43 pm