भाजपा नेता कर रहे हैं दौरे प्रदेश में जैसे ही अजमेर-अलवर लोकसभा सीट और मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर चुनावी सरगर्मियां शुरू हुईं, वैसे ही प्रदेश भाजपा सक्रिय हो गई। उपचुनाव की तारीखें भले ही घोषित नहीं हुईं और अभी पार्टी प्रत्याशी तय नहीं हो पर मुख्यमंत्री अजमेर और अलवर क्षेत्र में दौरे कर रही हैं और सरकार की ओर से जनहित के लिए किए गए कार्यों को आमजन को बता रही हैं। मुख्यमंत्री अजमेर सीट पर दो बार दौरा कर चुकी हैं और जल्द ही एक एक विधानसभा सीट का भी दौरा करेंगी। ऐसी ही रणनीति अलवर के लिए भी बना ली गई है। जिससे हर हाल में दोनों लोकसभा सीट पार्टी के खाते में आए। इतना ही नहीं सरकार के मंत्रियों को इन दोनों लोकसभा क्षेत्र में आने वाली सभी विधानसभा सीटों का जिम्मा भी दिया गया है।
बनाई रणनीति अब शुरू होगा फील्ड वर्क दूसरी ओर अजमेर और अलवर लोकसभा सीट पर चुनाव से पहले दौरों को लेकर प्रदेश कांग्रेस थोड़ी पीछे नजर आ रही है। हालांकि कांग्रेस चुनाव के लिए रणनीति बना रही है, लेकिन उपचुनाव वाली तीनों सीटों में से एक भी सीट पर कांग्रेस के बड़े नेता न तो दौरा करने के लिए पहुंचे हैं और न ही कोई सभा की गई है। जिससे पार्टी के प्रति कोई माहौल ही नहीं बन पा रहा है। जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी मानते हैं कि अब पार्टी को अजमेर और अलवर लोकसभा सीट के लिए जल्द ही रणनीति बना लेनी चाहिए और काम भी शुरू कर देना चाहिए।
असमंजस में कांग्रेस कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट को लेकर असमंजस बना हुआ है कि वे खुद अजमेर लोकसभा क्षेत्र से उपचुनाव के लिए मैदान में उतरेंगे या फिर किसी और को मैदान में उतारेंगे। ऐसी स्थिति में आम जन के बीच जाकर माहौल बनाने का समय पार्टी के हाथ से निकल रहा है। यही हाल अलवर लोकसभा सीट का है क्योंकि यहां भंवर जितेन्द्र सिंह को उम्मीदवार माना जा रहा है और उनकी उम्मीदवारी का कांग्रेस के बड़े नेता अभी से विरोध करने लगे हैं।