उप चुनावों का गणित देखा जाए तो BJP पर कांग्रेस भारी पड़ती आई है। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय 2 लोकसभा और 5 विधानसभा सीटों पर हुए उप चुनावों में 6 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी।
भाजपा ने केवल धौलपुर विधानसभा सीट ( Dholpur Vidhan Sabha Seat ) पर जीत दर्ज की थी। इस जीत से लबरेज कांग्रेस 2018 के विधानसभा चुनावों ( Vidhan Sabha Chunav 2018 ) में मैदान में उतरी और राजस्थान में सरकार बनाई। इसी सरकार में अलवर रामगढ़ सीट ( Ramgarh Seat ) पर उप चुनाव हुआ, जिसमें भी कांग्रेस ने जीत दर्ज की। यही नहीं एक राज्यसभा सीट के लिए हुए उप चुनावों में भी कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ( Manmohan Singh ) निर्वाचित हुए। अब पार्टी उप चुनावों में अपने पुराने प्रदर्शन को दोहराने में जुट गई है।
उप चुनावों में जीत का गणित.. — अलवर लोकसभा उप चुनाव में कांग्रेस के डॉ. कर्णसिंह यादव जीते
— अजमेर लोकसभा उप चुनाव में कांग्रेस के डॉ. रघु शर्मा ने जीत दर्ज की
— मांडलगढ़ विधानसभा उप चुनाव में कांग्रेस के विवेक धाकड़ जीते
— धौलपुर विधानसभा उप चुनाव में भाजपा की शोभारानी कुशवाह जीती
— नसीराबाद विधानसभा उप चुनाव में कांग्रेस के रामनारायण ने जीता मैदान
— सूरजगढ़ विधानसभा उप चुनाव में कांग्रेस के श्रवण कुमार जीते
— वैर विधानसभा उप चुनाव में भी कांग्रेस के भजन लाल जाटव ने जीत दर्ज की
चुनौती से कम नहीं Congress के लिए दोनों सीटें यह दोनों सीटें कांग्रेस के लिए किसी चुनौती से कम साबित नहीं होंगी, क्योंकि प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस विधानसभा चुनाव में ही इन सीटों पर नहीं जीत पाई थी. बीते तीन चुनावों से खींवसर और दो चुनावों से मंडावा की सीट कांग्रेस नहीं जीत पा रही है। खींवसर सीट से लगातार तीन बार रालोपा ( RLP ) प्रमुख हनुमान बेनीवाल ( Hanuman Beniwal ) चुनाव जीत चुके हैं. वह एक बार भाजपा से, एक बार निर्दलीय तो एक बार रालोपा से चुनाव जीत चुके हैं।
मंडावा विधानसभा सीट ( Mandawa Vidhan Sabha Seat ) पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रामनारायण चौधरी लगातार जीते। उनके निधन के बाद उनकी बेटी रीटा सिंह चुनाव जीतीं 2013 में रीटा सिंह की टिकट काटकर कांग्रेस ने पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान को मैदान में उतारा और उनकी जमानत जब्त हो गई। वर्ष 2018 में कांग्रेस ने फिर रीटा सिंह को टिकट दिया, लेकिन भाजपा के नरेंद्र खींचड़ यहां से जीते। खींचड़ ने जीत का दावा किया और कहा है कि सरकार जीत के लिए यहां तबादले कर रही है, मगर जीत भाजपा की होगी।
बहरहाल निकाय चुनावों के मद्देनजर दोनों ही सीट पर जीत दर्ज करना कांग्रेस—भाजपा के लिए चुनौतीभरा हैं। पूर्व में हो चुके उप चुनावों के नतीजे कांग्रेस खेमे को मनोबल देने वाले हैं तो लोकसभा में सभी 25 सीटों पर जीत कर भाजपा उत्साह से लबरेज है। अब देखना होगा कि जनता किसे पसंद करती है।