4 से 6 मंत्रियों की छुट्टी के साथ अशोक गहलोत मंत्रिमंडल में होगा फेरबदल
राज्य में सियासत के लिहाज से नए साल का जनवरी का महीना खासा अहम रहने वाला है। जल्द ही प्रदेश कार्यकारिणी गठन के बाद राजनीतिक नियुक्तियां की जाएंगी।

शादाब अहमद
नई दिल्ली/जयपुर। राजस्थान में सियासत के लिहाज से नए साल का जनवरी का महीना खासा अहम रहने वाला है। जल्द ही प्रदेश कार्यकारिणी गठन के बाद राजनीतिक नियुक्तियां की जाएंगी। वहीं 31 जनवरी के बाद मंत्रिमंडल को लेकर भी निर्णय किया जाएगा। हालांकि मंत्रिमंडल विस्तार के साथ फेरबदल के संकेत पार्टी नेताओं ने दे दिए हैं। सूत्रों के अनुसार कामकाज के लिहाज से पिछड़ रहे चार से छह मंत्रियों की मंत्रिमंडल से छुट्टी कर उनकी जगह दूसरे विधायकों को मौका दिया जाएगा। मुख्यमंत्री स्तर से कांग्रेस मुख्यालय तक मंत्रियों के कामकाज की बारीकी से समीक्षा चल रही है।
-मंत्रियों की शिकायत...गुटबाजी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच तल्खी से उपजे हालात और सरकार के गठन के दो साल बाद भी मंत्रिमंडल में मंत्रियों के रिक्त पदों को भरने के लिए कशमकश जारी है। प्रभारी महासचिव अजय माकन का हाल में राजस्थान का तीन दिन का दौरा भी राज्य पर बारीकी से नजर बनाए रखने के लिए ही हुआ है। एेसे में जिन मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड खराब है, उनकी छुट्टी होने में अब ज्यादा समय नहीं लगेगा। माकन के दौरे के दौरान भी विधायकों व पदाधिकारियों ने काम नहीं होने और मंत्रियों के खराब रवैये की शिकायत उनसे की। पंचायत चुनाव में हारने के लिए मंत्रियों, विधायकों और अन्य नेताओं ने एक-दूसरे को जिम्मेदार बताते हुए गुटबाजी को हवा दी।
-संतुलन की कोशिश
मंत्रिमंडल में नए चेहरों को लेकर फिलहाल पार्टी नेता चुप्पी साधे हैं। हालांकि संतुलन बनाने की बात जरूर कही जा रही है। पायलट के साथ रहे विधायकों के अलावा बसपा से कांग्रेस में आने वाले और निर्दलीय विधायकों को संतुष्ट करने की कोशिश की जा रही है। इनमें से कुछ को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। अभी तक पार्टी ने मंत्री बनाने को लेकर कोई गाइडलाइन तय नहीं की है।
-समर्थकों को कर रहे आगे
मंत्रिमंडल विस्तार कर खुद को मंत्री बनाने के लिए कई विधायक लॉबिंग भी कर रहे हैं। इसके लिए कुछ विधायकों ने समर्थकों से माकन को ज्ञापन दिलवाए। जबकि कुछ विधायक दिल्ली में माकन समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं से मिल चुके हैं।
-मंत्री के रिपोर्ट कार्ड का आधार
-जनता से संपर्क
-मंत्रालय में पकड़ और कामकाज की गति
-घोषणा पत्र का क्रियान्वयन-कार्यकर्ताओं का फीडबैक
-प्रभार वाले जिलों में नियमित दौरे
-पंचायत, स्थानीय निकाय चुनाव में खुद के निर्वाचन, गृह और प्रभार वाले जिले में पार्टी की स्थिति।
अब पाइए अपने शहर ( Jaipur News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज