सूत्रों की माने तो 15 जुलाई के बाद कभी भी मंत्रिमंडल फेरबदल हो सकता है मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार में कमजोर परफॉर्मेंस वाले कई मंत्रियों की छुट्टी होना तय है इसके अलावा कई मंत्री ऐसे भी हैं जो कई कई बार सरकार की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े कर चुके हैं।
सूत्रों की माने मुख्यमंत्री स्तर पर सभी मंत्रियों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार की जा रही है उसके बाद पार्टी के शीर्ष नेताओं से चर्चा कर कमजोर परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है इनकी जगह कुछ अनुभवी विधायकों को मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकता है।
5 नए मंत्रियों का स्थान खाली फिलहाल मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 25 मंत्री हैं, ऐसे में पांच मंत्री और बनाए जा सकते हैं। बताया जाता है कि मंत्रिमंडल में बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों के अलावा कई निर्दलीय विधायकों को भी मंत्री बनाया जा सकता है इसके अलावा कई मंत्रियों के विभाग बदले जा जा सकते हैं।
सोशल इंजीनियरिंग दिख सकती है मंत्रिमंडल में
सूत्रों की माने मंत्रिमंडल फेरबदल में सोशल इंजीनियरिंग का पूरा ख्याल रखा जाएगा। मंत्रिमंडल में अल्पसंख्यक, दलित, राजपूत, आदिवासी और महिला को प्रतिनिधित्व मिल सकता है। इधर निकाय और पंचायत चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंत्रिमंडल फेरबदल कर सोशल इंजीनियरिंग के तहत सभी वर्गों को संतुष्ट करना चाहते हैं।
सूत्रों की माने मंत्रिमंडल फेरबदल में सोशल इंजीनियरिंग का पूरा ख्याल रखा जाएगा। मंत्रिमंडल में अल्पसंख्यक, दलित, राजपूत, आदिवासी और महिला को प्रतिनिधित्व मिल सकता है। इधर निकाय और पंचायत चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंत्रिमंडल फेरबदल कर सोशल इंजीनियरिंग के तहत सभी वर्गों को संतुष्ट करना चाहते हैं।