सुप्रीम कोर्ट से सीएए कानून को रद्द करने की गुहार की है। अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष सिंघवी ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत सीएए के खिलाफ वाद दायर किया है
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जयपुर। नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ राजस्थान सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दीवानी वाद (सिविल सूट) दायर कर दिया। जिसमें सुप्रीम कोर्ट से सीएए कानून को रद्द करने की गुहार की है। अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष सिंघवी ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत सीएए के खिलाफ वाद दायर किया है। राज्य सरकार ने कहा है कि सीएए कानून संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 25 और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। सरकार ने कानून अनुचित करार देते हुए धर्म के आधार पर नागरिकों में भेदभाव करने वाला बताया है। संविधान का अनुच्छेद 131 एक या एक से अधिक राज्यों और केंद्र सरकार के बीच विवादों में सुप्रीम कोर्ट को फैसला करने का अधिकार देता है। अब तक केरल और पंजाब भी इस तरह के वाद दायर कर चुके हैं इसी के साथ सामाजिक संगठन एवं अन्य लोगों के जरिए करीबन 140 याचिकाएं दाखिल हुई हैं। जिन पर मुख्य न्यायाधीश एएस बोब्डे ने नोटिस जारी कर सरकार से जवाब तलब किया था। माना जा रहा है कि राज्य सरकार के वाद पर भी इनके साथ सुनवाई हो सकती है।
प्रस्ताव किया था पारित राज्य सरकार ने विधानसभा में सत्र बुलाया था। इस विशेष सत्र में राज्य सरकार ने 25 जनवरी को सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था। इसमें राज्य सरकार ने कहा था कि केंद्र सरकार को इस कानून को वापस लेना चाहिए। इससे पहले भी करीबन एक दर्जन राज्य इस तरह का प्रस्ताव पारित कर चुके हैं।