सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार में बैठे अधिकारी कह रहे हैं कि भारत में लोकतंत्र ज्यादा है इसलिए यहां रिफॉर्म संभव नहीं हैं। ये बयान केवल सरकार को खुश करने के लिए है। जिस तरह लोकतंत्र की आड़ में केंद्र सरकार ने सभी संवैधानिक प्रक्रियाओं को ताक पर रख कर विभिन्न कानून पास किए है।
गहलोत ने कहा कि भारत में उदारीकरण और उसके बाद रिफॉर्म मनमोहन सिंह के वित्त मंत्री एवं प्रधानमंत्री रहते समय ही हुए थे। जिनकी बुनियाद पर देश की अर्थव्यवस्था टिकी है। लेकिन तब ना ही लोग सड़कों पर आए और ना ही किसी ने ठगा हुआ महसूस किया।
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि यह सोचना चाहिए कि अब ऐसा क्या कारण है कि लोगों को सड़कों पर उतरकर भारत बंद का ऐलान करना पड़ा। ध्रुवीकरण की राजनीति करने वाले ये लोग धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा दे रहे हैं। यह आने वाली पीढ़ियों के लिये खतरनाक है और वो इन्हें कभी माफ नहीं करेंगी।