टीएसपी में राज्य सेवाओं को छोडकर अन्य सभी राजकीय सेवाओं के पदों पर सीधी भर्ती से भरी जाने वाली रिक्तियों की 45 प्रतिशत रिक्तियां टीएसपी के एसटी, 5 प्रतिशत रिक्तियां एससी व 50 प्रतिशत रिक्तियां अनारक्षित पद मानते हुए टीएसपी के अभ्यर्थियों की योग्यता के आधार पर वरीयता क्रम में नियमानुसार चयन किया जाता है।
1. पार्षद चुनेंगे निकाय अध्यक्ष
असर: 52 निकायों में नवंबर में चुनाव प्रस्तावित है। सीधे चुनाव की घोषणा के चलते महापौर ( Mayor ), सभापति और अध्यक्ष के दावेदार टिकट के लिए लॉबिंग कर रहे थे। अब ऐसे दावेदारों को स्वयं के लिए वार्ड तलाशने के साथ समर्थकों को टिकट दिलवाने की दौड़-भाग करनी होगी।
मायने: लोकसभा चुनाव ( Loksabha Election ) में मिली करारी हार से उबरने की कांग्रेस की कोशिश। वार्डों के छोटा होने से धारा 370 ( Article 370 ), पाकिस्तान ( Pakistan ) जैसे राष्ट्रीय मुद्दों की जगह स्थानीय मुद्दे हावी हो सकते हैं। भाजपा और कांग्रेस में नजदीकी टक्कर देखने को मिलेगी।
असर: करीब 4 हजार ऐसे बंदी है, जिन्हें 20 हजार रुपए मासिक पेंशन, 4000 रुपए मेडिकल समेत अन्य सुविधा मिल रही थी। इन्हें लोकतंत्र प्रहरी का दर्जा दिया गया था। अब सरकार ने दर्जा समेत सभी सुविधाओं से किया वंचित।
मायने: नगर निकाय और पंचायत चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस सरकार ( Congress Government ) ने साफ संदेश दिया कि वह आरएसएस ( RSS ) और भाजपा ( BJP ) के विचारधारा वाले निर्णयों को वापस लेगी। कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कोशिश।
असर: टीएसपी में शामिल बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, उदयपुर, सिरोही, पाली, राजसमंद व चित्तौडगढ़़ जिलों के सामान्य, एसटी और एससी वर्ग की महिलाओं व युवतियों को लुभाने की कोशिश।