गौरतलब है कि मुख्यमंत्री गहलोत बीते दिनों हुई एंजियोप्लास्टी के बाद फिलहाल अपने निवास पर स्वास्थय लाभ ले रहे हैं। चिकित्सकों ने उन्हें कुछ दिन के लिए आराम की सलाह दी है। हालाँकि इस बीच वे आवश्यक कार्यों के सिलसिले में आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री गहलोत ने निर्देश दिए हैं कि राजस्व विभाग, कृषि विभाग तथा इंश्योरेंस कंपनी संयुक्त रूप से सर्वे कर किसानों को हुए नुकसान का आंकलन करे। इसके आधार पर प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए फसल बीमा योजना के तहत मुआवजे की कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री ने अल्पवर्षा वाले जिलों में पेयजल, चारा डिपो, पशु शिविर आदि के लिए अभी से समस्त अग्रिम तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं।
14 ज़िलों में औसत से कम बारिश
जानकारी के अनुसार 31 अगस्त तक प्रदेश में सामान्य औसत से 12.30 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। राज्य के 14 जिलों- सिरोही, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, श्रीगंगानगर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, पाली, राजसमंद एवं उदयपुर में औसत से कम वर्षा हुई है। मात्र पांच जिले- बारां, बूंदी, झालावाड़, कोटा और सवाई माधोपुर में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है।
अतिवृष्टि से नुक्सान की भी हुई विशेष गिरदावरी
मुख्यमंत्री ने कहा है कि बीते दिनों बारां, बूंदी, झालावाड़, कोटा, सवाई माधोपुर, धौलपुर, करौली, भरतपुर एवं टोंक जिलों में अतिवृष्टि के कारण फसलों में खराबा हुआ था, उसके आंकलन के लिए राज्य सरकार ने उसी समय विशेष गिरदावरी के निर्देश दे दिए थे। संबंधित जिला कलेक्टर इस काम को जल्द से जल्द पूरा करें।
किसानों को शीघ्र पहुंचाएं राहत : गहलोत
मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने मंगलवार को जिला कलेक्टरों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चर्चा कर वर्षा की कमी के कारण फसलों में खराबे की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर खराबा हुआ है, वहां सर्वे एवं गिरदावरी की कार्यवाही जल्द से जल्द पूरी करवाकर रिपोर्ट भिजवाएं ताकि किसानों को शीघ्र राहत दी जा सके।