मामले के अनुसार रविवार को श्रीगंगानगर के रामसिंहपुर थाना इलाके के गांव 5 आरटीएम उदासर में एक परिवार के पांच बच्चों की डिग्गी के पानी में डूबने से मौत हो गई। मृतकों में दो बालिकाएं तथा तीन बालक थे। इनमें दो सगे भाई-बहन थे, शेष 3 चचेरे भाई-बहन थे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना पर ट्वीट करते हुए लिखा कि पांच बच्चों की मृत्यु का समाचार बेहद दुखद है। मेरी गहरी संवेदनाएं बच्चों के माता-पिता एवं परिजनों के साथ हैं, ईश्वर उन्हें इस अत्यंत कठिन समय में सम्बल प्रदान करें।श्रीगंगानगर में रामसिंहपुर क्षेत्र के उदासर गांव में खेत में पानी की डिग्गी में डूबने से पांच बच्चों की मृत्यु का समाचार बेहद दुखद है। मेरी गहरी संवेदनाएं बच्चों के माता-पिता एवं परिजनों के साथ हैं, ईश्वर उन्हें इस अत्यंत कठिन समय में सम्बल प्रदान करें।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 31, 2022
वहीं दूसरी घटना रविवार को ही जोधपुर के फलौदी के बेंदती कला गांव के तालाब में हुई। यहां डूबने से दो युवकों रहमतुल्लाह एवं अकरम की मौत हो गई। मुख्यमंत्री ने इस घटना पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को चिंरजीवी दुर्घटना बीमा योजना के अन्तर्गत पांच लाख रुपए की सहायता राशि की घोषणा कर दी।मृतकों के परिजनों को चिंरजीवी दुर्घटना बीमा योजना के अन्तर्गत 5 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 31, 2022
मैं पुनः प्रदेश की जनता से अपील करता हूं कि बारिश के मौसम में हरसंभव सावधानी बरतें। छोटी सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।
भाजपा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ट्वीट पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे ट्वीट में बताया जा रहा है कि श्रीगंगानगर में हिन्दू परिवार के पांच बच्चों की मौत हुई। इसलिए वहां केवल मुख्यमंत्री ने संवेदना दी। वहीं जोधपुर में दो मुस्लिम युवकों की जान गई। इसलिए वहां पांच—पांच लाख का मुआवजा दिया गया। उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि मृतक हिन्दू बच्चों के प्रति केवल संवेदना और मुस्लिम मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए का मुआवजा। यह तुष्टीकरण नहीं तो और क्या है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने प्रतिक्रिया में लिखा, 'दो अलग अलग दुर्घटनाओं पर माननीय मुख्यमंत्री महोदय के अलग-अलग ट्वीट हैं और यदि यह सत्य है तो दुर्भाग्यपूर्ण भी है और पराकाष्ठा भी है।'