विलय खत्म होने पर इसलिए खतरा नहीं… :
विधि के जानकारों के मुताबिक न्यायालय कांग्रेस बसपा के विलय को अवैध करार देते हुए खत्म भी कर देता है तो भी गहलोत सरकार का बसपा विधायक साथ दे सकेंगे। बड़ी बात यह है कि बसपा के सभी 6 विधायक गहलोत सरकार के साथ हैं। विलय खत्म होने पर बसपा विधायक दल का इन्हीं में से नेता और पार्टी का मुख्य सचेतक चुना जाएगा।
विलय को कोर्ट अवैध ठहराता है तो बसपा विधायक अलग दल बनाकर भी कांग्रेस को समर्थन कर सकते हैं। वोटिंग अधिकार सीज किए तो बढ़ेगी गहलोत सरकार की मुश्किल…
कांग्रेस-बसपा विधायकों के मेल का एक पहलू यह भी है कि यदि कोर्ट विलय को अवैध बताते हुए वोटिंग अधिकार सीज कर दे। क्योंकि बसपा व भाजपा ने न्यायालय में वोटिंग अधिकार सीज किए जाने की भी मांग की है। ऐसे में यदि कोर्ट सभी बसपा विधायकों के वोटिंग अधिकार सीज करता है तो जरूर मुख्यमंत्री को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। फ्लोर टेस्ट की स्थिति बनने पर ये विधायक वोट नहीं दे सकेंगे।
कांग्रेस के साथ विलय खत्म होने के बाद भी पार्टी आलाकमान की विधायक बात नहीं मानेंगे और पार्टी विरोधी गतिविधि जारी रखते हैं, तो इनकी विधायकी जाएगी। आलाकमान ने व्हिप जारी कर कांग्रेस के पक्ष में वोट देने से पहले ही इनकार कर दिया है।
भगवान सिंह बाबा, प्रदेशाध्यक्ष बसपा
सदन में फ्लोर टेस्ट की स्थिति बनने पर किसी भी पार्टी के विधायक दल के नेता के निर्देश पर उनका मुख्य सचेतक ही सिर्फ सदन में विधायकों के मौजूद रहने या वोटिंग को लेकर व्हिप जारी कर सकता है।
सत्येन्द्र सिंह राघव, एएजी