इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस की ओर से पिछले दिनों ही कवायद शुरू हुई थी। प्रदेश कांग्रेस का मोबाइल एप और वेबसाइट बनकर तैयार है, जिसे प्रदेश प्रभारी अजय माकन लॉन्च करेंगे। पंजाब चुनाव में अजय माकन की व्यस्तता के चलते मोबाइल एप और वेबसाइट अभी तक लॉन्च नहीं हो पाई है।
पूर्व अध्यक्षों से लेकर वर्तमान अध्यक्ष तक का मिलेगा डेटा
बताया जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस के मोबाइल एप पर प्रदेश कांग्रेस के पहले अध्यक्ष से लेकर और वर्तमान अध्यक्ष तक की जानकारी के साथ-साथ कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्रियों की जानकारी भी मिलेगी। इसके अलावा पार्टी के तमाम नेताओं, पूर्व केंद्रीय मंत्रियों , पूर्व नेता प्रतिपक्ष, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के तमाम नेताओं, जिलाध्यक्षों का डेटा भी मोबाइल ऐप पर उपलब्ध होगा। मोबाइल एप पर तमाम नेताओं के मोबाइल नंबर और ईमेल का पता भी होगा।
संगठनात्मक गतिविधियों की जानकारी भी मिलेगी
प्रदेश कांग्रेस के मोबाइल एप और वेबसाइट पर कांग्रेस पार्टी के संगठनात्मक गतिविधियों, कार्यक्रमों और आगामी होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी भी मोबाइल पर मिलेगी कि किस दिन कौन सा कार्यक्रम होना है। इससे कांग्रेस कार्यकर्ता को जानकारी मिल सकेगी और वह इस कार्यक्रम में मौजूद रह सकेंगे।
मोबाइल फोन में करना होगा ऐप डाउनलोड
प्रदेश कांग्रेस के ऐप लॉन्च होने के बाद प्रदेश कांग्रेस के तमाम कार्यकर्ताओं और नेताओं को अपने मोबाइल फोन में ऐप को डाउनलोड करना होगा और उसके बाद ही उन्हें तमाम जानकारियां मिल सकेंगी।
इसलिए भी उठाया कदम
बताया जाता है कि प्रदेश कांग्रेस में मोबाइल ऐप और वेबसाइट बनाने को लेकर इसलिए भी कदम उठाया कि अभी दूर-दराज के कांग्रेस कार्यकर्ताओं-नेताओं को प्रदेश कांग्रेस से कोई संगठनात्मक या फिर प्रदेश कार्यकारिणी, जिलाध्यक्षों के नेताओं और कार्यक्रम की जानकारी के लिए मुख्यालय फोन करना पड़ता है और फिर मेल के जरिए या फिर स्वयं आकर कागज लेने होते हैं।
ऐसे में दूरदराज से आने वाले कार्यकर्ताओं का समय भी बर्बाद होता है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश कांग्रेस ने पेपर लेस की ओर कदम बढ़ाते हुए मोबाइल ऐप और वेबसाइट तैयार करवाई है, जिससे दूरदराज के के कार्यकर्ताओं को भी अपने घर बैठे- बैठे ही प्रदेश कांग्रेस की तमाम गतिविधियों की जानकारी अपने मोबाइल पर मिल सके।
पहले भी शुरू हुई थी कवायद
दरअसल मोबाइल ऐप को लेकर पहले भी कवायद शुरू हुई थी, लेकिन किन्हीं कारणों के चलते उस कवायद को अमलीजामा नहीं पहनाया गया और अब जाकर मोबाइल एप और वेबसाइट बनकर तैयार हुई है।