ऐसे में कांग्रेस के बागियों के खिलाफ पार्टी की ओर से अभी तक कार्रवाई नहीं करने को लेकर चर्चाओं का दौर भी तेज हो गया है। अकेले जयपुर के हेरिटेज नगर निगम और ग्रेटर निगम में 50 से ज्यादा बागी चुनाव मैदान में डटे हैं।
नाम वापसी की तारीख के बाद भी कार्रवाई नहीं
सूत्रों की माने तो नगर निगम चुनाव में 22 अक्टूबर को नाम वापसी की आखिरी तारीख थी पार्टी की ओर से बागियों को नाम वापस लेने की चेतावनी भी जारी की गई थी लेकिन नाम वापसी तारीख बीतने से लेकर आज तक पार्टी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बागी प्रत्याशी चुनाव चिन्ह अलॉट होने के बाद अब पूरी शिद्दत से कांग्रेस प्रत्याशियों के खिलाफ ताल ठोके हुए हैं और उन्हें कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं।
हेरिटेज नगर निगम में पार्टी के लिए बड़ी चुनौती
सूत्रों की माने तो हेरिटेज नगर निगम के किशनपोल, हवामहल और आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र के कई वार्ड ऐसे हैं जो अल्पसंख्यक बाहुल्य है, यहां पर सीधा मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशियों और बागी प्रत्याशियों के बीच ही है ऐसे में कांग्रेस के प्रत्याशियों को कड़ी चुनौती मिल रही है
कार्रवाई नहीं करने की एक वजह यह भी
पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की माने तो बागी प्रत्याशियों के खिलाफ अभी तक कार्रवाई नहीं करने की एक वजह यह भी बताई जा रही है कि अगर चुनाव जीतने के बाद भी बागी प्रत्याशी बोर्ड में पार्टी के साथ रहेंगे, अगर उनके खिलाफ अभी अनुशासन की कार्रवाई की गई तो बोर्ड बनने के बाद वे पाला बदलकर भाजपा के पक्ष में खड़े हो सकते हैं।