ऐसे में कई मौजूदा मंत्रियों से लेकर बसपा और निर्दलीय विधायकों की मुख्यमंत्री से मुलाकात का दौर तेज हो गया है। हालांकि इन मंत्रियों और विधायकों का कहना है कि वे क्षेत्र की समस्याओं के निस्तारण को लेकर मिले हैं। माना जा रहा है कि मंत्रिमण्डल विस्तार में तीन मंत्रियों पर गाज गिरना तय है। कांग्रेस के ऐसे पांच विधायक हैं जो अपना अंतिम कार्यकाल मानकर चल रहे हैं। ऐसे में उनको मंत्रिमंडल विस्तार में जगह मिलने की उम्मीद है।
अध्यक्ष का दोनों की सहमति से नाम होगा तय
नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष सचिन की सहमति के बाद ही होगा। मौजूदा मंत्रिमंडल की बात करें तो ब्राह्मण, राजपूत और जाट बिरादरी के मंत्री प्रदेश अध्यक्ष बनने की दौड़ में हैं। वहीं, विस चुनाव लड़ चुके मीणा समाज के एक व्यक्ति दिल्ली के सहारे प्रदेश का मुखिया बनने का सपना देख रहे हैं। ये लगातार सांसद राहुल गांधी के सम्पर्क में हैं।