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कृषि कानूनों के विरोध में सड़क पर उतरी कांग्रेस, सिविल लाइंस फाटक पर धरना-प्रदर्शन

locationजयपुरPublished: Jan 15, 2021 01:39:20 pm

Submitted by:

firoz shaifi

केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में बीते कई माह में विरोध प्रदर्शन कर चुकी कांग्रेस एक बार फिर पूरी ताकत के साथ कृषि कानूनों के विरोध और किसानों के समर्थन में आज देशभर में सड़कों पर उतरी।

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जयपुर। केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में बीते कई माह में विरोध प्रदर्शन कर चुकी कांग्रेस एक बार फिर पूरी ताकत के साथ कृषि कानूनों के विरोध और किसानों के समर्थन में आज देशभर में सड़कों पर उतरी। देश के सभी राज्यों में आज केंद्रीय कानूनों के विरोध में प्रदर्शन किया गया। राजधानी जयपुर में भी प्रदेश कांग्रेस की ओर से किसानों के समर्थन और कृषि कानूनों के विरोध में धरना प्रदर्शन किया जा रहा है।

इस धरने को किसान अधिकार दिवस का नाम दिया गया है। सुबह से दोपहर 2 बजे तक सिविल लाइंस फाटक पर हो रहे प्रदर्शन में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, मंत्रिमंडल के सदस्य, विधायक और प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारी शामिल हो रहे हैं। धरने में शामिल होने के लिए प्रदेश प्रभारी अजय माकन सुबह दिल्ली से जयपुर पहुंचने वाले थे लेकिन जिस फ्लाइट से उनको आना था वह रद्द हो गई।

प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा होने के बाद प्रदेश कांग्रेस का यह पहला बड़ा कार्यक्रम है। वहीं प्रदेश प्रभारी अजय माकन के नेतृत्व में भी पीसीसी का यह पहला धरना प्रदर्शन है, जिसमें माकन स्वयं शामिल होने वाले थे। धरने के दौरान कांग्रेस नेता केंद्र के कृषि कानूनों की खामियां गिनाईं। उधर, धरने के दौरान कोरोना गाइड लाइन की पालना होते नहीं दिखी। हालांकि मंच से बार-बार गाइड लाइन की पालना करने के निर्देश दिए जा रहे थे।

विरोध में राजभवन का घेराव भी
इधर राज्य सरकार की ओर से विधानसभा में लाए गए तीन कृषि विधेयकों को राजभवन में रोके जाने और उन्हें राष्ट्रपति के पास नहीं भेजने के विरोध में सिविल लाइन्स फाटक पर धरने के दौरान राजभवन का घेराव भी किया। हालांकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को राजभवन कूच करने से रोकने के लिए सिविल लाइंस फाटक पर पुलिस के कड़े बंदोबस्त के साथ-साथ बैरिकेड्स लगाए गए हैं। दरअसल गहलोत सरकार की ओर से लाए गए तीन कृषि अध्यादेश लंबे समय से राजभवन में ही अटके हुए हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार राजभवन पर मोदी सरकार के दबाव में काम करने का आरोप लगा चुके हैं। पीसीसी चीफ डोटासरा कह चुके हैं कि मोदी सरकार के दबाव में राज्यपाल हमारे कृषि अध्यादेशों को रोके हुए हैं। इससे पहले 3 जनवरी को भी प्रदेश कांग्रेस और गहलोत सरकार के मंत्रियों ने शहीद स्मारक पर सुबह 11 बजे से लेकर शाम चार बजे तक धरना दिया था। गौरतलब है कि केंद्र के कृषि कानूनों और राजभवन के घेराव के लिए पार्टी के संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल ने सभी प्रदेशों के अध्यक्षों को सर्कुलर जारी कर 15 जनवरी को धरना प्रदर्शन का आदेश दिया था। साथ ही इस दिन को किसान अधिकार दिवस के रूप में मनाने के निर्देश दिए थे।

धरने में ये रहे मौजूद
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह, मुख्य सचेतक महेश जोशी, कैबिनेट मंत्री बीड़ी कल्ला, पूर्व केंद्रीय मंत्री नमोनारायण मीणा, मंत्री टीकाराम जूली, मंत्री ममता भूपेश, कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया, कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव तरुण कुमार, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहन प्रकाश, राज्यसभा सांसद नीरज डांगी, विधायक गंगा देवी, पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल, वक्फ बोर्ड चेयरमैन खानू खान, यूएडीएच मंत्री शांति धारीवाल, प्रदेश कांग्रेस की उपाध्यक्ष नसीम अख्तर इंसाफ, पीसीसी सचिव ललित तूनवाल, कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव कुलदीप इंदौरा, और निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा आदि ।

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