दोनों नेता अब कार्यकारिणी के संभावित नामों को लेकर प्रदेश प्रभारी अजय माकन के साथ चर्चा करेंगे। 20 दिसंबर के बाद अजय माकन की जयपुर आने की चर्चा है, जहां कार्यकारिणी के नामों को लेकर चर्चा होगी।
सूत्रों की माने तो कार्यकारिणी में सभी धड़ों के नेताओं को एडजस्ट करने की तैयारी चल रही है, जिससे किसी प्रकार का असंतोष पार्टी में न उभरे। प्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी दिसंबर माह के आखिरी सप्ताह में घोषित हो सकती है। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने भी इसके संकेत दिए हैं।
संगठन महामंत्री पर भी सीएम के करीबियों के नाम
कांग्रेस गलियारों में चर्चा है कि प्रदेश कांग्रेस में संगठन महामंत्री के पद के लिए भी मुख्यमंत्री गहलोत के करीबी नेताओं के नामों पर विचार चल रहा है। सीएम गहलोत के बेहद करीबी माने जाने वाले दो नेता इस दौड़ में शामिल हैं। संगठन महामंत्री के जरिए सीएम गहलोत कांग्रेस मुख्यालय पर अपनी पकड़ रखना चाहते हैं।
कांग्रेस गलियारों में चर्चा है कि प्रदेश कांग्रेस में संगठन महामंत्री के पद के लिए भी मुख्यमंत्री गहलोत के करीबी नेताओं के नामों पर विचार चल रहा है। सीएम गहलोत के बेहद करीबी माने जाने वाले दो नेता इस दौड़ में शामिल हैं। संगठन महामंत्री के जरिए सीएम गहलोत कांग्रेस मुख्यालय पर अपनी पकड़ रखना चाहते हैं।
सोशल इंजीनियरिंग का फॉर्मूला
पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की माने तो पीसीसी की नई कार्यकारिणी में सोशल इंजीनियरिंग का फॉर्मूला अपनाया जा रहा है। सभी वर्गों को कार्यकारिणी में प्रतिनिधित्व देने की बात कही जा रही है। साथ ही जातिगत समीकरण के हिसाब से भी कार्यकारिणी के संभावित नामों पर विचार चल रहा है।
पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की माने तो पीसीसी की नई कार्यकारिणी में सोशल इंजीनियरिंग का फॉर्मूला अपनाया जा रहा है। सभी वर्गों को कार्यकारिणी में प्रतिनिधित्व देने की बात कही जा रही है। साथ ही जातिगत समीकरण के हिसाब से भी कार्यकारिणी के संभावित नामों पर विचार चल रहा है।
छोटी होगी प्रदेश कार्यकारिणी
बताया जाता है कि प्रदेश कांग्रेस की निवर्तमान कार्यकारिणी की तुलना में इस बार नई कार्यकारिणी छोटी हो सकती है। कार्यकारिणी में एक दर्जन उपाध्यक्ष, डेढ़ दर्जन महामंत्री और 30 के लगभग सचिव बनाए जा सकते हैं।
बताया जाता है कि प्रदेश कांग्रेस की निवर्तमान कार्यकारिणी की तुलना में इस बार नई कार्यकारिणी छोटी हो सकती है। कार्यकारिणी में एक दर्जन उपाध्यक्ष, डेढ़ दर्जन महामंत्री और 30 के लगभग सचिव बनाए जा सकते हैं।