गहलोत सरकार का बड़ा फैसला, अब 800 रुपए में होगी कोविड की जांच
राजस्थान में कोरोना के आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे है। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग कोरोना की जांच करा रहे है। लेकिन, निजी लैब में उन्हें यह जांच कराने के लिए अब तक 1200 रूपए का शुल्क देना पड़ रहा था।

जयपुर। राजस्थान में अब निजी लैब में कोरोना की जांच के लिए नागरिकों को 1200 की जगह 800 रुपये ही चुकाने होंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज इन दोनों को कम करने का बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चिकित्सा के क्षेत्र में अलग अलग जिलों को कई सौगातें दी है। सीएम ने चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के आर यू एच एस के विजिट पर राजनीति करने के लिए विपक्ष को भी आड़े हाथ लिया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा है कि राजस्थान में निजी प्रयोगशालाओं में कोरोना वायरस से संक्रमण की RT-PCR विधि से जांच अब 1200 रुपए की बजाय 800 रुपए में होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आरटी-पीसीआर जांच किट की लागत में कमी को देखते हुए राज्य सरकार ने यह फैसला किया है। उन्होंने कहा कि शुरू में निजी प्रयोगशालाओं में कोविड-19 जांच का शुल्क 2200 रुपये था।
जिसे बाद में सरकार ने 1200 रुपए तय किया राज्य सरकार सभी निजी प्रयोगशालाओं को यह जांच 1200 रुपए के बजाय 800 रुपए में करने को पाबंद करेगी। गहलोत ने कहा कि राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण की सारी जांच केवल RT-PCR किट के जरिए हो रही हैं जो पूरी दुनिया में सबसे विश्वसनीय जांच है।
गहलोत ने वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए छह जिलों (हनुमानगढ़, प्रतापगढ़, जैसलमेर, राजसमन्द (नाथद्वारा), टोंक व बूंदी में कोरोना वायरस जांच की प्रयोगशालाओं का लोकार्पण किया। इसके साथ ही उन्होंने जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में कैंसर इलाज के लिए नये वार्ड, ऑर्थोपेडिक थिएटर व एक्यूट केयर वार्ड की रेनोवेशन-अल्टरेशन और कैंसर वार्ड के इंटीरियर कार्य का लोकार्पण भी किया।
सीएम ने कहा है कि प्रदेश के प्रबंधन की देश-विदेश में चर्चा रही है। हमने पूरे प्रदेश में फ्री इलाज की सुविधा दी है। अहमदाबाद, मुंबई व दिल्ली में सरकारी अस्पताल में सुविधा कम है। ऐसे में सरकारी अस्पतालों में ज्यादा सुविधाएं विकसित होनी चाहिए। कोरोना संक्रमण की संख्या जांच पर निर्भर करता है। जांच बढ़ाएंगे, तो संक्रमण के मामले भी ज्यादा आएंगे।कोरोना को रोकना है, तो जांच को बढाना जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि राजस्थान में 60 हजार प्रतिदिन की क्षमता विकसित हो जाएगी। सीएम ने कहा कि गांव वालों को भ्रम है कि गांवों में कोरोना नहीं है लेकिन आंकड़ों के मुताबिक 2000 में से 700 लोग गांवों में अपनी जान गंवा चुके हैं। निचले स्तर पर चिकित्सा व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है हमने प्रत्येक विधानसभा में एक मॉडल सीएससी बनाने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिए हैं।
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