एसीएस माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि विभाग द्वारा जयपुर जिले के विराटनगर के पास बागावास में 5.9266 हैक्टेयर आयरन ओर ब्लॉक के आवंटन के लिए 31 मई को निविदा सूचना जारी की गई थी। तकनीकी निविदाओं से प्राप्त दरों के अनुसार आइपीओ रिजर्व प्राइस से 54 प्रतिशत अधिक आया और अंतिम नीलामी प्रक्रिया में 29 जुलाई को उच्चतम बोली पंजाब भटिंडा के शुभ लोहिया प्रो. भारत कोल ट्रेडर्स भटिंडा पंजाब ने 452 प्रतिशत लगाई। नीलामी प्रक्रिया में पांच बोलीदाताओं ने हिस्सा लिया। रिजर्व प्राइस से 452 प्रतिशत प्रीमियम पर नीलामी से देश के माइनिंग क्षेत्र में नया इतिहास रचा गया है। बागावास की आयरन ओर की इस माइनिंग ब्लॉक की नीलामी से राज्य सरकार को आगामी 50 सालों में रायल्टी, प्रीमियम, डीएमएफटी, एनएमईटी आदि का मिलाकर 119.65 करोड़ रु. का राजस्व मिलने की संभावना है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान में आयरन ओर के विपुल भण्डार होने के साथ ही विभाग द्वारा नई खोज व नीलामी के लिए ब्लॉक तैयार करने का कार्य जारी है। जयपुर, सीकर, झुन्झुनू, करौली, भीलवाड़ा और अलवर में खनिज आयरन ओर के विपुल भण्डार उपलब्ध है। प्रदेश में वर्तमान में जयपुर में 4, सीकर में 3, झुन्झुनू में 6, भीलवाड़ा में 2 और अलवर में 1 इस तरह आयरन ओर के कुल 16 खनन पट्टे कार्यशील है और इनसे एक मोटे अनुमान के अनुसार 50 करोड़ रुपए से अधिक का सालाना राजस्व प्राप्त हो रहा है। विभाग द्वारा आयरन ओर खनिज नीलामी के लिए और नए ब्लाक तैयार किये जा रहे हैं।