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राजस्थान के डिग्गीपुरी के राजा के दरबार लगेगा रैला, कई किलोमीटर पैदल चलकर लगाएंगे लाखों लोग हाजिरी

locationजयपुरPublished: Jun 27, 2022 07:06:06 pm

Submitted by:

Girraj Sharma

Diggipuri Kalyandhani Lakkhi Fair दो साल बाद इस बार फिर जयपुर से डिग्गीपुरी तक कल्याणधणी के जयकारे गूंजेंगे। जयपुर से डिग्गी कल्याणजी तक लाखों भक्तों का रैला नजर आएगा। Diggipuri Kalyanji Temple लाखों लोग पैदल चलकर श्रीजी महाराज के हाजिरी लगाएंगे।

राजस्थान के डिग्गीपुरी के राजा के दरबार लगेगा रैला, कई किलोमीटर पैदल चलकर लगाएंगे लाखों लोग हाजिरी

राजस्थान के डिग्गीपुरी के राजा के दरबार लगेगा रैला, कई किलोमीटर पैदल चलकर लगाएंगे लाखों लोग हाजिरी

जयपुर। दो साल बाद इस बार फिर जयपुर से डिग्गीपुरी तक कल्याणधणी के जयकारे गूंजेंगे। जयपुर से डिग्गी कल्याणजी तक लाखों भक्तों का रैला नजर आएगा। लाखों लोग पैदल चलकर श्रीजी महाराज के हाजिरी लगाएंगे। डिग्गीपुरी कल्याणजी के लिए लक्खी पदयात्रा इस बार 3 अगस्त को रवाना होगी, जो विभिन्न मार्गों से होते हुए 7 अगस्त को डिग्गीपुरी पहुंचेगी। वहीं डिग्गीपुरी के राजा कल्याणजी महाराज का लक्खी मेला 3 अगस्त से शुरू हो जाएगा, जो एकादशी तक भरेगा। इस बीच लाखों भक्त कल्याणजी महाराज को ध्वज अर्पित करेंगे।

श्रीकल्याणजी डिग्गीपुरी पदयात्रा संघ के अध्यक्ष श्रीजी शर्मा ने बताया कि श्रीकल्याणजी की 57वीं लक्खी पदयात्रा 3 अगस्त को चौड़ा रास्ता स्थित ताड़केश्वर महादेव मंदिर से रवाना होगी। भक्त श्रीकल्याणजी के जयकारें लगाते हुए आगे बढ़ेंगे। पदयात्री 3 अगस्त को मदरामपुरा के बालाजी, 4 अगस्त को हरसुलिया, 5 अगस्त को फागी और 6 अगस्त को चौसला में रात्रि विश्राम करते हुए 7 अगस्त को डिग्गीपुरी पहुंचेंगे। इस बीच जगह—जगह रात्रि जागरण, भजन कीर्तन करते हुए भक्त आगे बढेंगे। 7 अगस्त को डिग्गीपुरी में जुलूस निकाला जाएगा। मंदिर पहुंचकर ध्वज चढ़ाया जाएगा।

लक्खी मेला 3 अगस्त से शुरू
श्रीडिग्गी कल्याणजी महाराज का लक्खी मेला श्रावण शुक्ल षष्ठी पर 3 अगस्त को शुरू होगा, जो एकादशी तक भरेगा। ट्रस्ट मंदिरश्री डिग्गी कल्याणजी महाराज के सचिव जयप्रकाश शर्मा ने बताया कि कल्याणजी महाराज का लक्खी मेला 3 अगस्त को शुरू होगा। षष्ठी से लेकर अष्ठमी तक मुख्य मेला रहेगा, इस बीच अधिक भीड़ रहेगी। मेले में कई जगहों से पदयात्राएं आएंगी। बड़ी पदयात्रा जयपुर से आएगी। इसमें जगह—जगह रास्ते से कई पदयात्राएं जुड़ जाएगी। उन्होंने बताया कि एकादशी पर श्रीकल्याणजी महाराज के ध्वज अर्पित करने के साथ ही मेले का समापन होगा।

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