उन्होंने राजस्थान दिवस के महत्व से अवगत कराते हुए पर्यटन और कला के परस्पर सम्बन्धों पर विस्तार से प्रकाश डाला। पर्यटन विभाग के निदेशक निशान्त जैन ने कहा कि करोना काल में पूरी सावधानियां बरतते हुए इस संगोष्ठी का आयोजन सीमित आगन्तुकों के मध्य किया गया है । संगोष्ठी में पर्यटन प्रशिक्षण से जुडे़ डॉ. विद्या सागर उपाध्याय, डॉ. कुमार आशुतोष एवं प्रियदर्शन लाखावत ने पर्यटन को प्रोत्साहित करने में एवं पर्यटकों की आवाजाही बढ़ाने में पर्यटन स्थलों के साथ स्थानीय कला एवं संस्कृति के महत्व पर अपने विचार प्रकट किए।
राजस्थान दिवस के अवसर पर जवाहर कला केन्द्र में दो अलग-अलग प्रदर्शनियों का आयोजन किया गया। ‘सोणो-राजस्थान’ प्रदर्शनी जिसमें राजस्थान के सम समायिक कला को दर्शाया गया है। सोणो राजस्थान प्रदर्शनी में लगभग 120 कलाकारों की 175 कृतियां प्रदर्शित की गई। वहीं ‘विहंगम-राजस्थान’ प्रदर्शनी जिसमें राजस्थान के पर्यटन से जुड़े छाया चित्रों को प्रदर्शित किया गया है। विहंगम प्रदर्शनी में लगभग 50 कलाकारों की 85 कृतियां प्रदर्शित की गई हैं। प्रदर्शनी 5 अप्रेल तक प्रतिदिन प्रातः 11 बजे से सांय 06 बजे तक जनसामान्य के लिए खुली रहेगी। पर्यटन विभाग की संयुक्त निदेशक डॉ. पुनीता सिंह, ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर पर्यटन विभाग की अतिरिक्त निदेशक मनीषा अरोड़ा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे। राजस्थान का स्थापना दिवस राजस्थान दिवस के रूप में हर वर्ष 30 मार्च को मनाया जाता है।