जलदाय विभाग के अफसरों की मानें तो 30 जून तक जयपुर जिले में 215 नलकूप चालू करने थे, इनमें से 100 नलकूप चालू ही नहीं हो पाए है। इनके टेंडर ही फाइनल नहीं हुए है, जबकि कुछ नलकूपों के वर्कआॅर्डर नहीं दिए गए है, जिससे मौके पर काम शुरू नहीं हो पाया है। सबसे अधिक परेशानी ग्रामीण क्षेत्रों में आ रही है, जहां नलकूप स्वीकृत होने के बाद भी चालू नहीं हो पाए है।
ये आ रही समस्या
जलदाय विभाग के अफसरों का तर्क है कि ग्रामीण क्षेत्रों में नलकूप खोदने के बाद बिजली कनेक्शन को लेकर समस्या आ रही है। समय पर बिजली कनेक्शन नहीं मिल पाते है। दूसरी समस्या टेंडर में रेट कॉन्ट्रेक्ट नहीं होना भी एक बड़ा कारण बताया जा रहा है। हालांकि दोनों ही कारण है, जिन्हें तय समय पर पूरा करना विभाग के अफसरों की जिम्मेदारी है।
प्रदेश की स्थिति
वर्ष 2022—23 में स्वीकृत नलकूपों में 62 फीसदी ही लग पाए है। अभी भी करीब 38 प्रतिशत नलकूप चालू होना बाकी है। इनमें सर्वाधिक लंबित जयपुर, जोधपुर, झुंझुनूं, बीकानेर एवं सिरोही में हैं।
एसीएस ने जताई नाराजगी
अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने नलकूप चालू करने में पिछड़ने पर अफसरों को फटकार भी लगाई है। उन्होंने हाल ही जलदाय विभाग के अफसरों की एक बैठक में जयपुर, जोधपुर, झुंझुनूं, बीकानेर एवं सिरोही जिलों के मुख्य अभियंता, अतिरिक्त मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंताओं को नोटिस देने तक की बात कह दी थी। हालांकि उन्होंने स्वीकृत नलकूप एवं हैण्डपंपों का कार्य त्वरित गति पूरा करने के निर्देश दिए है।