गहलोत की प्रेस कॉन्फ्रेंस की प्रमुख बातें
– ‘बीमारियों से लोगों की मौत हो रही, सरकार में बैठे लोग जीतने के जुगाड़ में जुटे हैं’
– ‘प्रदेश में नरेगा के एक्ट की धज्जियां उड़ रही हैं, नरेगा इस शासन में कमजोर कर दिया गया’
– ‘गांवो में हालात खराब है, जिलों में अकाल की स्थिति बन चुकी है’
– ‘करोड़ों रूपये खर्च करके प्रदेश में रिसर्जेंट राजस्थान नाम का तमाशा हुआ। उस समय मैंने कहा था कि ये बड़े लोगो का स्नेह मिलन है, अब वसुंधरा जी बताऐं कितना इन्वेस्टमेंट आया?’
– ‘मैं मुख्यमंत्री से निवेदन करता हूं कि वो प्रदेश की जनता की चिन्ता करें’
– ‘आज कानून व्यवस्था की स्थिति चौपट है, बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं’
– ‘बजरी माफिया को सरकार ने दे रखी छूट, माफिया के हौसले बुंलद हैं, ऊपर से नीचे तक तय है बंधी’
– ‘प्रदेश में सरकार के खिलाफ आक्रोश है’
– मोदी आ जाएं या अमित शाह, जनता सरकार बदलने का मन बना चुकी है’
– ‘राफेल का मामला सबके सामने है, यह मोदी जी को ले डूबेगा’
– ‘डॉलर के हालात पर अब मोदी जी के मुंह पर ताले लगे हैं’
– ‘मोदी जी के पहले के भाषण और अब के भाषण उठा कर देख लें, कांग्रेस को कैम्पेन की जरुरत नहीं पड़ेगी’
– ‘राजस्थान में आचार संहिता की धज्जियां उड़ रहीं’
– ‘अब भी कई जगह वस्तुओं पर कमल का फूल लगा है, चाहे भामाशाह कार्ड हो या राशन’
– ‘कमल की बात कर रहे हैं, ये फूल तो पहले ही मुरझा गया था ‘
– ‘पहले वसुंधरा जी का चेहरा सामने रखकर चुनाव लड़ने की बात हुई, अब उनका चेहरा गायब हो गया है और कमल का फूल सामने रखकर चुनाव लड़ने की बात हो रही है। ये जो भ्रम है, अमित शाह जी इसे स्पष्ट करें।’
– ‘सीएम के खिलाफ लोगों में है व्यक्तिगत आक्रोश’
– ‘पीपीपी मोड़ पर भाजपा सरकार चली थी, अब पीपीपी से ही सरकार का अंत होगा’
– ‘मुल्क में घृणा का माहौल है, राहुल जी कहते हैं भाईचारे से राजनीति हो’
– ‘केन्द्र व राज्य में ऐसी सरकार आई है, इन्हें लेकर बातें इतनी हैं कि रामायण भी कम पड़ जाए’
– ‘बीमारियों से लोगों की मौत हो रही, सरकार में बैठे लोग जीतने के जुगाड़ में जुटे हैं’
– ‘प्रदेश में नरेगा के एक्ट की धज्जियां उड़ रही हैं, नरेगा इस शासन में कमजोर कर दिया गया’
– ‘गांवो में हालात खराब है, जिलों में अकाल की स्थिति बन चुकी है’
– ‘करोड़ों रूपये खर्च करके प्रदेश में रिसर्जेंट राजस्थान नाम का तमाशा हुआ। उस समय मैंने कहा था कि ये बड़े लोगो का स्नेह मिलन है, अब वसुंधरा जी बताऐं कितना इन्वेस्टमेंट आया?’
– ‘मैं मुख्यमंत्री से निवेदन करता हूं कि वो प्रदेश की जनता की चिन्ता करें’
– ‘आज कानून व्यवस्था की स्थिति चौपट है, बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं’
– ‘बजरी माफिया को सरकार ने दे रखी छूट, माफिया के हौसले बुंलद हैं, ऊपर से नीचे तक तय है बंधी’
– ‘प्रदेश में सरकार के खिलाफ आक्रोश है’
– मोदी आ जाएं या अमित शाह, जनता सरकार बदलने का मन बना चुकी है’
– ‘राफेल का मामला सबके सामने है, यह मोदी जी को ले डूबेगा’
– ‘डॉलर के हालात पर अब मोदी जी के मुंह पर ताले लगे हैं’
– ‘मोदी जी के पहले के भाषण और अब के भाषण उठा कर देख लें, कांग्रेस को कैम्पेन की जरुरत नहीं पड़ेगी’
– ‘राजस्थान में आचार संहिता की धज्जियां उड़ रहीं’
– ‘अब भी कई जगह वस्तुओं पर कमल का फूल लगा है, चाहे भामाशाह कार्ड हो या राशन’
– ‘कमल की बात कर रहे हैं, ये फूल तो पहले ही मुरझा गया था ‘
– ‘पहले वसुंधरा जी का चेहरा सामने रखकर चुनाव लड़ने की बात हुई, अब उनका चेहरा गायब हो गया है और कमल का फूल सामने रखकर चुनाव लड़ने की बात हो रही है। ये जो भ्रम है, अमित शाह जी इसे स्पष्ट करें।’
– ‘सीएम के खिलाफ लोगों में है व्यक्तिगत आक्रोश’
– ‘पीपीपी मोड़ पर भाजपा सरकार चली थी, अब पीपीपी से ही सरकार का अंत होगा’
– ‘मुल्क में घृणा का माहौल है, राहुल जी कहते हैं भाईचारे से राजनीति हो’
– ‘केन्द्र व राज्य में ऐसी सरकार आई है, इन्हें लेकर बातें इतनी हैं कि रामायण भी कम पड़ जाए’