कॉमर्स कॉलेज के कमरा नंबर 44 में मतगणना सुबह करीब 8.15 बजे शुरू हुई। मतगणना शुरू होने पर कांग्रेस और भाजपा दोनों के ही प्रत्याशियों ने अपने-अपने कार्यकर्ताओं और रिश्तेदारों को भिजवाया, खुद नहीं आए। मतगणना कक्ष के भीतर प्रत्याशी व एजेंट के अलावा किसी को प्रवेश नहीं दिया गया। जैसे ही ईवीएम अंदर आई, एंजेंट सक्रिय हो गए। भाजपा प्रत्याशी कैलाश वर्मा के बड़े भाई व मंडल अध्यक्ष मतगणना कक्ष में मौजूद थे। शुरुआती चार-पांच राउंड के रुझान आने पर भाजपाइयों के चेहरे खिले हुए थे। सभी बार-बार बाहर आकर जीत का दावा कर रहे थे।
मतगणना शुरू होने के करीब दो घंटे बाद कांग्रेस की प्रत्याशी गंगा देवी मतगणना स्थल पर आई। लेकिन, पीछे रहने के कारण अंदर नहीं गई। मतगणना कमरे के बाहर लगी कुर्सियों पर ही बैठी रही। बार-बार कार्यकर्ता बाहर आते और स्थिति बताते रहे। इस दौरान उन्होंने कुछ खाया-पीया भी नहीं। उनके चेहरे पर शिकन साफ देखी जा सकती थी। इधर, मतगणना के राउंड आगे बढ़ रहे थे, उधर उनके चेहरे पर टेंशन बढ़ती जा रही थी। जितनी बैचेनी प्रत्याशी व कार्यकर्ता के चेहरे पर थी, उससे अधिक बैचेन बाहर ड्यूटी कर रहे पुलिस व अन्य अधिकारी दिखे। बगरु के साथ सभी अपने-अपने क्षेत्र की सीटों का पल-पल का हाल जानने में उत्सुकता दिखी।
शुरुआती राउंड में पिछड़ने के बाद करीब दो बजे तक जैसे ही मतगणना के दस राउंड पूरे हुए, गंगा देवी ने लीड का अंतर कम किया। धीरे-धीरे कांग्रेसियों के चेहरे से टेंशन कम होने लगी। तीन बजते-बजते मतगणना के पंद्रह राउंड का रिजल्ट जारी हुआ, तब तक कैलाश वर्मा बढत लिए हुए था। मगर कांग्रेस के कार्यकर्ता शहरी क्षेत्र की पेटियां खुलने का इंतजार कर रहे थे। अगले ही राउंड से गंगा देवी ने बढ़त ले ली। जैसे ही बढ़त मिली गंगा देवी ने राहत की सांस ली। 19वां राउंड आते-आते लीड का अंतर बड़ा हो गया। जैसे ही कमरे में 22वें राउंड की ईवीएम दाखिल हुई, गंगा देवी भी खड़ी होकर जाली से गिनती देखने लगी। इधर, ईवीएम मशीने बंद हुई, उधर गंगादेवी और कार्यकर्ताओं के चेहरे खिल गए। उन्होंने बाहर आकर पांच हजार मतों से जीत की घोषणा भी कर दी।