जयपुर

एनआरसी पर देश में बवाल, जयपुर में बांग्लादेशी व रोहिंग्या डालेंगे वोट

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जयपुरOct 01, 2018 / 08:33 am

dinesh

– ओमप्रकाश शर्मा
जयपुर . पूरे देश में बवाल मचने के बावजूद नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजनशिप (एनआरसी) के प्रति केन्द्र सरकार ने अब तक गम्भीरता दिखाई है लेकिन राज्य में सरकार बांग्लादेशी घुसपैठियों व रोहिंग्या परिवारों को लेकर गम्भीर नहीं है। पहचान के बावजूद इन्हें मतदान तक का अधिकार है।
पुलिस ने इनके मतदान पहचान पत्र, आधार, राशन व अन्य दस्तावेज निरस्त करने के लिए वर्षों पहले केवल पत्र लिखकर इतिश्री कर ली। ऐसे में घुसपैठिए होने के बाद भी ये लोग देश के नागरिक की तरह सरकार चुनने के लिए मतदान करेंगे। पुलिस रेकॉर्ड अनुसार राज्य में 2011 से 2017 के बीच हुए सर्वे में पाया कि 837 बांग्लादेशी व रोहिंग्या अवैध रूप से रह रहे हैं। इनमें 292 रोहिंग्या व 545 बांग्लादेशी हैं। पुलिस इनकी वापसी के प्रयास करती, इससे पहले रोहिंग्या मुस्लिम परिवारों ने यूनाइटेड नेशंस हाई कमिश्नर फोर रिफ्यूजी (यूएनएचआरसी) का प्रमाण पत्र दे दिया।

उक्त प्रमाणपत्र को लेकर गृह विभाग अब तक कानूनी अध्ययन में ही जुटा है। वहीं, बांग्लादेशी परिवारों ने तो ऐसे प्रमाणपत्र के बजाय प्रशासन की ओर से जारी वोटर आइडी, राशन कार्ड जैसे पहचान दस्तावेज पेश कर दिए।
राजस्थान में अवैध रूप से रह रहे सर्वाधिक बांग्लादेशी परिवार जयपुर में हैं। इनमें भी ज्यादातर परिवार जयपुर के सोडाला क्षेत्र में रहते हैं। सांगानेर क्षेत्र में 13 बांग्लादेशी परिवार रह रहे हैं। इनमें से 7 परिवार बांग्लादेशी होने की पुष्टि हो चुकी है और 6 को संदिग्ध माना गया है। यह संदेह एक-दो नहीं बल्कि 5 साल से चल रहा है। इसकी पुष्टि के लिए गत माह ही सांगानेर सदर थाना पुलिस की टीम एएसआइ ओमप्रकाश के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल गई थी। छह परिवारों के सदस्य खुद को पश्चिम बंगाल निवासी बता रहे हैं। लेकिन उन्होंने जो पते बताए, वे पुलिस को पश्चिम बंगाल में मिले ही नहीं। उक्त संदिग्ध पतों के आधार पर ही इन परिवारों ने यहां पहचान और सम्पत्ति संबंधी दस्तावेज बनवा लिए हैं। इन तेरह परिवारों में करीब 66 सदस्य हैं, जो बक्सावाला स्थित जेडीए कॉलोनी में रहते हैं। इसी तरह एक बस्ती जवाहर सर्कल क्षेत्र में रही है। यहां बांग्लादेशियों के 28 परिवार रहते हैं। इनके 192 सदस्य हैं जो अवैध रूप से जयपुर में बसे हुए हैं। अन्य लोगों की तरह इनके पास भी मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड व राशन कार्ड आदि दस्तावेज हैं। इन्हें निरस्त करने के लिए पुलिस ने जिला कलक्टर को पत्र लिखा है। इनके पास और किस तरह के दस्तावेज हैं, पुलिस के पास इसकी पुख्ता जानकारी नहीं है। इसी कारण जिला प्रशासन के साथ पासपोर्ट कार्यालय को भी पत्र भेजा गया कि इनका पासपोर्ट जारी किया गया हो तो निरस्त कर दिया जाए।
कार्रवाई पत्र तक सीमित
पुलिस की कार्रवाई प्रशासन को पत्र लिखने तक ही सीमित है। पहचान पत्र निरस्त नहीं होने पर भी पुलिस ने दोबारा सम्पर्क नहींं किया। न ही गृह विभाग ने गम्भीरता दिखाई। नतीजतन, बांग्लादेशी घुसपैठिए अब भारत के नागरिक की तरह वोट डालेंगे और सरकार के चयन में भूमिका निभाएंगे।
संगीन आपराधिक मामलों में लिप्त
गृह विभाग के अनुसार सर्वे अवधि में बांग्लादेशी व रोहिंग्या के खिलाफ 24 आपराधिक प्रकरण दर्ज हुए। 15 मामलों में चालान पेश किया। एक में एफआर लगाई, अन्य लम्बित हैं। इनमें सबसे संगीन मामला जयपुर के वैशालीनगर का है, जिसमें बांग्लादेशी गैंग ने स्थानीय सम्पर्क वाले अपराधियों के साथ मिलकर डकैैती की थी। वारदात कर बांग्लादेश भागे मुख्य अभियुक्त अब तक गिरफ्तार भी नहीं हो सके हैं।
जयपुर में कहां कितने
66 बांग्लादेशी, जेडीए कॉलोनी बक्सावाला
267 रोहिंग्या, वेलकम कॉलोनी सोडाला
25 रोहिंग्या, कानोता-बगराना माली की कोठी
192 बांग्लादेशी, जवाहर सर्कल मनोहरपुरा कच्ची बस्ती

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