इस दौरान मुख्यमंत्री राजे पत्रकारों के प्रश्नों के कुछ जवाब देते समय असहज भी हो गई। पत्रकारों ने उनसे पूछा कि राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा दिलवाने का वादा किया था, क्या हुआ। जिलों की घोषणा को लेकर भी कुछ नहीं किया। इस पर वह असहज हो गईं और कहा कि राजस्थान को अग्रणी लाने के लिए काम कर तो रहे हैं। जिलों की घोषणा प्रशासनिक मुद्दा है। इसे घोषणा में शामिल नहीं किया है। इसी तरह एक अन्य सवाल हुआ कि अमित शाह ने कहा कि आपने काम कराए लेकिन प्रचार में विफल रहीं, इसका जवाब देने की बजाय वसुंधरा ने कहा कि अब यह ‘पर्सनल’ हो रहा है।
वसुंधरा ने दावा किया कि पांच साल में सरकार ने जो काम किए, वह कांग्रेस राज के पचास साल से बेहतर हैं। राजस्थान को पहले सुराज अब गौरव की तरफ ले जा रहे हैं। पार्टी का घोषणा पत्र जयपुर में बैठकर नहीं बनाया बल्कि जिलों में घूमकर हर समाज से बातचीत करके तैयार किया है।
वसुंधरा ने 2013 के सुराज संकल्प पत्र की 95 प्रतिशत घोषणाएं पूरी करने का दावा भी किया। दावा किया कि उसमें से 665 बिंदुओं में से 630 बिंदुओं पर काम पूरा हो चुका है या फिर चल रहा है। उन्होंने कांग्रेस से हर काम में आगे होने का दावा किया तो जेटली ने ली चुटकी लेते हुए कहा कि घोषणा पत्र भी उससे पहले दे रहे हैं। वसुंधरा ने कहा कि प्रत्याशियों की सूची भी कांग्रेस से पहले लेकर आए। जेटली ने फिर कहा कि हम तो मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने में भी कांग्रेस से आगे हैं।