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बोरिया बिस्तर बांध, अब मैदान में ‘कूच’ की तैयारी, जानें प्रदेश के कांग्रेसी नेताओं का दिल्ली से हाल

locationजयपुरPublished: Nov 15, 2018 10:01:07 pm

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सुनील सिंह सिसोदिया / जयपुर। लंबे इंतजार के बाद कांग्रेस की पहली सूची 150 से ज्यादा उम्मीदवारों की घोषित किए जाने के चलते दिल्ली में दिवाली से ही डेरा जमाए लोगों ने गुरुवार को रवानगी की तैयारी कर ली है। होटलों में जमे अधिकांश नेताओं ने सुबह होटल खाली कर सामान अपनी गाडिय़ों में रख लिया है। लेकिन कोई भी देर रात सीईसी की बैठक के चलते सूची जारी होने से पहले दिल्ली छोडऩे को राजी नहीं है। यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के दस जनपथ आवास के बाहर ऐसा माहौल लगा हुआ है, जैसे बैठक के बाद नेता बाहर आएंगे और पर्चें के रूप में सूची का वितरण करेंगे। कुछ टिकिटार्थी तो इस माहौल की तुलना चुनाव परिणाम सुनने के लिए मतगणना स्थल के बाहर लगने वाली भीड़ से कर रहे थे। कुछ इसी तरह का नजारा तीन दिन पहले हुई सीईसी की बैठक के दौरान देखने को मिला था।
दिवाली से दिल्ली में डेरा जमाए बैठे नेताओं ने दिल्ली में ऐसे हर नेता से मुलाकात की, जो उन्हें टिकट दिलाने में हल्की भी मदद कर सकता हो। जमावड़ा लोगों को मुख्य रूप से चार स्थानों पर ही रहा, लेकिन बीच में समय निकाल कर सुबह जल्दी या फिर देर रात दूसरे नेताओं के भी दस्तक देते रहे। दिल्ली प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट, राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत, एआईसीसी मुख्यालय और कांग्रेस के वॉर रूम के बाहर भीड़ लगी रही। इन नेताओं के जहां भी पहुंच की खबर लगते, वैसे ही नेता आगे-आगे वहां पहुंच जाते।

सिर्फ चेहरा दिखाने को करते रहे घंटो इंतजार…
टिकिट के लिए दिल्ली पहुंचे नेताओं ने हार हाल में टिकट हांसिल करने को लेकर गजब का उत्साह दिखाया। भारी भीड़ के चलते बात होना तो संभव नहीं था, लेकिन नेताओं को घर से बाहर आते समय अपना चेहरा दिखाने के लिए घंटों इंतजार रोजाना करते रहे। अजमेर व टोंक जिले के टिकिटार्थी तो यह चर्चा करते तक सुनाई दिए कि तीन घंटे की पिक्चर खड़े होकर कोई नहीं देख सकता, लेकिन यहां अपना चेहरा सिर्फ दिखाने के लिए रोजाना तीन से चार घंटे खड़े रहने आम बात हो गई है।

अंदर खिलाफत बाहर चाय चुस्की

टिकिटार्थियों की भीड़ में कई ऐसे नजारे भी देखने को मिले कि नेताओं से मुलाकात के दौरान एक दूसरे की खिलाफत कर रहे हैं, लेकिन बाहर एक साथ चाय की चुस्की ले रहे हैं। टिकट के लिए प्रतिद्वन्दी लेकिन बाहर एक होने के नजारे वैसे कम ही देखने को मिलते हैं। इतना ही नहीं इनके ग्रुप में कोई नया आकर खड़ा हुआ तो उसे परिचय भी इस अंदाज में कराया कि सभी एक ही सीट से दावेदारी कर रहे हैं।

यहां नजर भी नहीं मिलाई…
भीड़ में कुछ ऐसे भी नजारे देखने को मिले कि जो टिकिटार्थी खुलकर एक दूसरे की खिलाफत कर रहे थे, वे तो नजर भी नहीं मिला रहे थे। एक कहीं खड़ा होता तो दूसरे करीब दस फीट दूर से निकल रहा था। ऐसे नजारे एआईसीसी व नेताओं के घरों के बाहर देखने को मिले।

दस जनपथ पर लग्जरी गाडिय़ों को रैला…

टिकट के लिए ज्यादातर नेता दिल्ली लग्जरी गाडिय़ों में पहुंचे हैं। शाम को दस जनपथ के बाहर वाहनों की कतार लगी तो इस वाहन रैले में हर ज्यादातर गाडिय़ां लग्जरी थी। 20-25 लाख से 2 करोड़ तक की गाडिय़ा कतार में लगी थी। बड़े नेता अपने क्षेत्र में तो ठसके से रहते हैं, लेकिन यहां इंतजार में फुटपाथ या फिर रैलिंग पर थड़ी से चाय लेकर पीते दिखे। नौकर और समर्थकों से घिरे रहने वाले नेता भी यहां अकेले धक्के खाते नजर आए। कई पूर्व मंत्री, विधायक भी घटों कतार में लगे रहे।
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